वायरल वीडियो को देखकर लोगों ने कुत्ते को बड़ी झील में फेंकने वाले सनकी युवक की पहचान कर पुलिस को इसकी जानकारी दी है
वायरल वीडियो (Viral Video) में कुत्ते को तालाब में फेकने वाले शख्स का चेहरा साफ समझ आ रहा है. उसकी टी-शर्ट पर टीम स्पोंटेनियस लिखा हुआ है. कई जगह वीडियो साझा करने पर लोगों ने बताया कि शायद आरोपी का नाम सलमान है जो भोपाल (Bhopal) के काजिकैम्प में रहता और वह पेशे से फोटोग्राफर है
- News18Hindi
- Last Updated:
September 14, 2020, 12:03 AM IST
दरअसल सोशल मीडिया पर फेमस होने की सनक में युवक ने इंसानियत की सारी हदों को लांघते हुए यह अमानवीय कृत्य किया. सलमान नाम का यह युवक अपने दोस्तों के साथ बड़े तालाब पहुंचा. यहां उसने एक स्ट्रीट डॉग को उठा लिया और अचानक उसे तालाब में उछाल दिया. इतना ही नहीं उसने अपने इस घिनौनी हरकत का वीडियो भी रिकॉर्ड किया. कुत्ते को तालाब में फेंकते समय का बनाया वीडियो उसने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपलोड कर दिया. हालांकि बाद में इसे लेकर विवाद होने पर आरोपी ने उसे अपने एकाउंट से हटा दिया. हालांकि तब तक बेजुबान पर अत्याचार का उसका यह वीडियो वायरल हो चुका था.
वायरल वीडियो से आरोपी युवक की हुई पहचान
बताया जा रहा है कि आरोपी युवक पेशे से फोटोग्राफर है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह वो स्ट्रीट डॉग को पहले गोद में उठाता है, फिर उसे बड़ी निर्दयता से पानी में फेंक देता है. वीडियो में कुत्ते को तालाब में फेकने वाले शख्स का चेहरा साफ समझ आ रहा है. साथ ही उसकी टी-शर्ट पर टीम स्पोंटेनियस लिखा हुआ है. कई जगह वीडियो साझा करने पर लोगों ने बताया कि शायद आरोपी का नाम सलमान है जो भोपाल के काजिकैम्प में रहता और वह पेशे से फोटोग्राफर है.पशु प्रेमियों और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे पशु क्रूरता मानते हुए भोपाल के कलेक्टर और डीआईजी से आरोपी युवक की शिकायत करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कुत्ते को तालाब में फेंकने वाले आरोपी सलमान के विरुद्ध श्यामला हिल्स थाने में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.
वन्य जीवों के प्रति अपराध रोकने के लिए है कानून
बता दें कि जानवरों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था. इसका मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था. इसमें वर्ष 2003 में संशोधन किया गया जिसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा दिया गया. इसमें दंड और और जुर्माना को और भी कठोर किया गया है. जिसके तहत किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न करना कानूनन अपराध है. ऐसा करने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और तीन साल की सजा हो सकती है.