मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छत्तीसगढ़ के मंत्री ने चिट्ठी भेजी है. फाइल फोटो.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सीमा पर कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में कवर्धा (Kawardha) जिले के आदिवासी झामसिंह ध्रुवे की मौत मामले में सियासत शुरू हो गई है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखी गई इस दूसरी चिट्ठी में मंत्री मो. अकबर ने इस बात पर एतराज किया है कि कवर्धा के एक आदिवासी के मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा हत्या करने को सीएम बैठक ने संज्ञान नहीं लिया. अकबर ने 12 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा है कि मामला बेहद गंभीर है, लेकिन अभी तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.
पत्र में लिखी ये बात
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्र में लिखा है कि 6 सितंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वन मंत्री अकबर ने उनके द्वारा पहले लिखी गई चिट्ठी पर कार्रवाई न होने पर निराशा जाहिर की है. उन्होंने सीएम शिवराज सिंह से फिर से अनुरोध किया है कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को कार्रवाई की जानकारी मुहैया कराई जाए. बता दें कि पिछले कवर्धा से सटे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा पर एमपी पुलिस ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ का दावा किया था, जिसमें झामसिंह ध्रुवे की मौत हो गई थी.