Dead Body Kept On Stretcher For Months In Indore MY Hospital Mortuary Room | इंदौर में एमवाय अस्पताल में स्ट्रेचर पर पड़ा एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में कंकाल बन गया, बदबू फैलने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया

Dead Body Kept On Stretcher For Months In Indore MY Hospital Mortuary Room | इंदौर में एमवाय अस्पताल में स्ट्रेचर पर पड़ा एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में कंकाल बन गया, बदबू फैलने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया


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इंदौर17 मिनट पहले

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यह फोटो दिलदहलाने वाली है। ऐसी फोटो दिखाने से हम बचते हैं, लेकिन ऐसी दुखद सरकारी व्यवस्था को दिखाना भी जरूरी है।

  • एमवाय अस्पताल के मर्च्युरी रूम में रखी बॉडी 15 से 20 दिन पुरानी बताई जा रही है
  • मामला सामने आने के बाद शव को हटवाया, जिम्मेदार मामले में कुछ भी नहीं बोले

इंदौर के एमवाय अस्पताल में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। यहां मर्च्युरी रूम में महीनों से स्ट्रेचर पर रखा एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में कंकाल बन गया है। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा तो जिम्मेदारों ने तत्काल बॉडी को वहां से हटवा दिया। बताया जा रहा है कि बदबू फैलने के बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया।

एमवाय अस्पताल लापरवाही के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। यहां मर्च्युरी रूम में रखी यह बॉडी 15 से 20 दिन पुरानी बताई जा रही है। हालांकि, बॉडी किसकी है और कब लाई गई थी, इस संबंध में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। स्ट्रेचर पर शव के कंकाल बन जाने से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई और यह गलती किसकी है।

एमवाय हॉस्पिटल में डेढ़ दर्जन दर्जन, अधिकांश बंद पड़े
यहां पर करीब डेढ़ दर्जन फ्रीजर हैं, जहां बॉडी को रखा जाता है। लेकिन इनमें से ज्यादातर फ्रीजर बंद पड़े हैं। अगर कोई अज्ञात शव पुलिस बरामद करती है तो उसे पीएम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा जाता है। पीएम के बाद शव को तीन दिनों तक यहीं पर रखा जाता है। यदि इसी बीच उसकी शिनाख्त नहीं होती है तो नगर निगम या एनजीओ द्वारा उसका अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है।

स्ट्रेचर पर लाया गया शव का न पीएम हुआ, न अन्य प्रक्रिया
हालांकि ऐसा बताया जा रहा है कि जो बॉडी कंकाल बन गई है, उसका ना पीएम हुआ है और ना कोई प्रक्रिया। संभवत: उसे जिस तरह से स्ट्रेचर पर लाया गया था, उसी तरह से पड़ा रहने दिया गया। मामले में जानकारी के लिए एमवाय अधीक्षक से फोन पर संपर्क किया तो एक बार उन्होंने व्यस्त होने की बात कहकर फोन रख दिया। जबकि दूसरी बार फोन ही रिसीव नहीं किया।

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