मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 24 सितंबर से पहले बुलाया जाना जाना संवैधानिक तौर पर ज़रूरी हो गया था.
सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने कहा विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) तो हम 35 दिन बाद अपना बनाएंगे
21 सितंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है. पहले तय कार्यक्रम के मुताबिक सत्र 21 सितंबर से 23 सितंबर तक होना था. आज हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी शामिल हुए. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसमें यह तय किया गया है कि सत्र सिर्फ 1 दिन होगा. इसमें सरकार अपना सबसे महत्वपूर्ण काम बजट पेश करेगी. कांग्रेस ने इस पर अपनी सहमति भी दे दी है.
एक दिन का सत्र
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सभी की सुरक्षा है. इसलिए यह तय किया गया है कि सत्र वर्चुअल और एक्चुअल दोनों तरह से बुलाया जाए.विधायकों के जो प्रश्न पटल पर आएंगे उनका जवाब दिया जाएगा. हालांकि सत्र एक दिन का होने की वजह से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव टलना भी तय है.विपक्ष ने क्या कहा ?
बैठक में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कांग्रेस की प्राथमिकता प्रदेश का बजट है.बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है. हम चाहते हैं विधायकों के जो प्रश्न और ध्यानाकर्षण आएं उनका जवाब मिलना चाहिए. 1 दिन के सत्र की वजह से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव टलने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा अध्यक्ष तो हम 35 दिन बाद अपना बनाएंगे.
सत्र बुलाना जरूरी था
मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 24 सितंबर से पहले बुलाया जाना जाना संवैधानिक तौर पर ज़रूरी हो गया था. इससे पहले विधानसभा का सत्र 24 मार्च को हुआ था. उसके बाद कोरोना की वजह से सत्र नहीं हो पाया. संवैधानिक नियमों के मुताबिक विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता. यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के हालात के बीच भी 24 सितंबर से पहले सत्र बुलाया जा रहा है.