The father sat in ISBT all day with the sick child, he was able to get the bus at night | बीमार बच्चे को लेकर पिता दिनभर आईएसबीटी में बैठा रहा, रात में मिल पाई बस

The father sat in ISBT all day with the sick child, he was able to get the bus at night | बीमार बच्चे को लेकर पिता दिनभर आईएसबीटी में बैठा रहा, रात में मिल पाई बस


जबलपुर3 घंटे पहले

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आईएसबीटी से कम बसों का संचालन हो रहा है इससे सवारियाँ परेशान हो रही हैं। सीधी शहर से बच्चे के इलाज के लिए जबलपुर आए मनसुखलाल बढ़ई ने बताया कि पहले तो इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर लगाना और फिर घर जाने की जद्दोजहद करना बेहद कष्टकारी लग रहा है। आईएसबीटी में सोमवार सुबह से पहुँचे मनसुखलाल को रात 8 बजे अपने शहर की बस नसीब हो पाई। ऐसे में उन्हें अपने बीमार बच्चे के साथ दिनभर आईएसबीटी में गुजारते हुए रात होने का इंतजार करना पड़ा।

देखा जाए ताे बस ऑपरेटर्स की हड़ताल खत्म होने के बाद भी सवारियों को मिलने वाली प्रताड़ना कम नहीं हुई है। आईएसबीटी में ऐसी रोजाना कई सवारियाँ मिल जाएँगी जिन्हें घर जाने 12 से 13 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे अधिक दुविधा तो इस बात की है कि जिम्मेदार इन सबसे बेखबर बैठे हैं।

50 से कम बसों का संचालन| आईएसबीटी से अब भी रोजाना 50 से कम बसें ही निकल रही हैं। करोड़ों का टैक्स माफ कराने के बाद भी ऑपरेटर्स सभी बसें चलाने राजी नहीं हैं। ऑपरेटर्स का कहना है कि कम सवारियों के साथ बसें चलाने से उन्हें नुकसान होता है। प्रशासन को सख्ती दिखाने की आवश्यकता है ताकि इस कोरोना काल में बेबस और मासूम सवारियों के साथ न्याय हो सके।

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