भागवत इससे पहले 20 जुलाई और 9 अगस्त को भोपाल आए थे
संघ (RSS) प्रमुख की सक्रियता सियासी हलचल बढ़ा रही है. यह माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश (MP) में होने वाला उपचुनाव संघ की प्राथमिकता में शामिल हो सकता है.
माना जा रहा है कि इस दौरान संघ प्रमुख कोरोना काल में वीएचपी की ओर से किए गए काम की समीक्षा करेंगे. हालांकि उनकी इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया है. जानकारी के मुताबिक बैठक भोपाल के पटेल नगर इलाके के कैलाश मैरिज गार्डन में होगी.सूत्रों की मानें तो संघ प्रमुख मोहन भागवत बैठक के दौरान कई और अहम मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं जिसमें आने वाले उपचुनाव भी शामिल हैं. कुछ दिन पहले ही बीजेपी के सह संगठन मंत्री के पद पर संघ प्रचारक हितानंद को नियुक्त किया गया है. इसे बीजेपी संगठन में संघ के बढ़ते दखल के तौर पर भी देखा जा रहा है. ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवत का एमपी में लगातार प्रवास भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
60 दिन में तीसरी बार दौरा
इससे पहले संघ प्रमुख राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद 9 अगस्त को भोपाल आए थे. ये उनका 20 दिन के भीतर ही दूसरा भोपाल दौरा था. मोहन भागवत 2 दिन तक भोपाल में रहे और यहां संघ के सेवा कार्यों की समीक्षा के साथ ही भविष्य के सेवा कार्यों की योजना पर भी चर्चा की. तब उन्होंने क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ व्यक्तिगत संवाद भी किया था. कोरोना संकट में स्वयंसेवकों के सेवा कार्यों की समीक्षा की थी. संघ प्रमुख की ये बैठक ठेंगडी भवन में मध्यभारत और मालवा प्रांत के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ अलग अलग सत्रों में हुई थीं. 9 अगस्त से पहले मोहन भागवत 20 जुलाई को भोपाल आए थे. उस दौरान वो शारदा विहार में 5 दिन तक रहे थे जहां उन्होंने संघ के शीर्षस्थ प्रचारकों और कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ मंथन किया था. उस बैठक में मोहन भागवत के साथ करीब डेढ़ दर्जन संघ के पदाधिकारी शामिल हुए थे.
संघ प्रमुख की सक्रियता क्यों ?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद बनी बीजेपी सरकार के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत की सक्रियता यहां बढ़ी हुई है उनके लगातार भोपाल में दौरे हो रहे हैं और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा हो रही है यहां तक कि कोरोना काल के दौरान भी संघ प्रमुख लगातार भोपाल दौरा करते रहे उनकी इस सक्रियता को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है यह माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के आने वाले उपचुनाव संघ की प्राथमिकता में शामिल हो सकता है हालांकि संघ के जानकार मानते हैं कि मध्य प्रदेश संघ का गढ़ है और कोरोना काल के बाद संघ की भूमिका कैसी और क्या होगी इस पर मंथन के लिए संघ प्रमुख को एमपी बेहतर जगह लगती है