शिवपुरी13 घंटे पहले
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विधिक साक्षरता शिविर।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आंगनबाड़ी महिला प्रशिक्षण केंद्र में लगाया जागरूकता शिविर
गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच करवाना गैर कानूनी है। यदि कोई भी डॉक्टर, नर्सिंग होम अथवा परिजन इस प्रकार की गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी जिला विधिक सहायता अधिकारी शिखा शर्मा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बुधवार को आंगनबाड़ी महिला प्रशिक्षण केंद्र में लगाए गए जागरुकता शिविर में जानकारी देते हुए कही।
जिला विधिक सहायता अधिकारी शिखा शर्मा ने कहा कि गर्भ समापन अधिनियम के अंतर्गत विशेष परिस्थितियों जैसे कि बलात्कार के बाद ठहरा गर्भ, माता या होने वाली संतान को किसी विशेष बीमारी के कारण जान का जोखिम होने का खतरा, एड्स होने का खतरा, ऐसे गंभीर परिस्थितियों में ही गर्भ समापन कराया जा सकता है, अन्यथा नहीं। पहले गर्भ समापन केवल 20 सप्ताह के भ्रूण तक का कराया जा सकता था किंतु वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा 24 सप्ताह तक के गर्भ का समापन उपरोक्त कारणों से कराया जा सकता है।
अपर जिला न्यायाधीश और सचिव प्रमोद कुमार ने कहा कि यदि कोई भी प्रताड़ित महिला जिसे पति या पति के परिवार के द्वारा शारीरिक, मानसिक, वित्तीय या अन्य रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है तो वह सीधे वन स्टॉप सेंटर शिवपुरी में संपर्क कर सकती है। जहां उसे पुलिस सहायता, विधिक सहायता और मेडिकल सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। यदि उसके पास रहने के स्थान नहीं है तो वह वन स्टॉप सेंटर में शरण ले सकती है।
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