Raid the factory of printing fake currency in Bhopal; Used to disturb the crowded place and gambling, four arrested | भोपाल में नकली नोट छापने की फैक्ट्री पर छापा; भीड़ वाली जगह और जुए आदि में चला देते थे, चार गिरफ्तार

Raid the factory of printing fake currency in Bhopal; Used to disturb the crowded place and gambling, four arrested | भोपाल में नकली नोट छापने की फैक्ट्री पर छापा; भीड़ वाली जगह और जुए आदि में चला देते थे, चार गिरफ्तार


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भोपाल18 मिनट पहले

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भोपाल पुलिस ने आरोपियों के पास से 13 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। साथ ही नोट छापने के लिए उपयोग में लाने वाले सामान को भी जब्त किया।

  • राजधानी भोपाल में करीब 2 साल से नकली नोट बनाने का कारखाना चल रहा था
  • आरोपियों को ही याद नहीं कितने रुपए के नकली नोट छापकर मार्केट में फैला दिया

राजधानी भोपाल में नकली नोट छापने वाले तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह महज एक रुपए में 100-100 रुपए के नकली नोट तैयार कर लेते थे। इसके लिए कलर प्रिंटर और स्कैच पेन समेत अन्य चीजों का उपयोग करते थे। पूछताछ में आरोपियों का कहना है कि 100 के नोट चलाना आसान होता है। वह भीड़-भाड़ वाली जगह और जुए आदि में खपा देते थे। करीब 2 साल से यह कारोबार कर रहे थे। अब तक कितने नोट चला चुके हैं। इसका खुलासा नहीं हो सका है।

कोहेफिजा पुलिस ने बुधवार देर रात जहांगीराबाद इलाके से एक फैक्ट्री पर दबिश देते हुए चार आरोपियों को नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार किया। पुलिस इन तक इनके फरार एक आरोपी की तलाश करते हुए पहुंची। मौके से पुलिस ने प्रिंटर, स्कैच पेन, कटर समेत अन्य सामान जब्त किए हैं। यह सिर्फ 100-100 रुपए के नोट ही तैयार करते थे। मौके से 13 हजार के नकली नोट भी जब्त किए हैं। फरार आरोपी हबीब की निशानदेही पर अंकित अहिरवार उर्फ केतन, आयुष पियाणी व संदीप शाक्या को गिरफ्तार किया किया।

गिरोह बनाकर कारोबार कर रहे थे

सीएसपी नागेंद्र पटैरिया ने बताया कि यह गिरोह संगठित होकर काम कर रहा था। कोहेफिजा पुलिस को नकली नोट मामले में हबीब की तलाश थी। उसने 18 जुलाई को सागर में रहने वाले दो लोगों को 32 हजार रुपए के असली नोट के बदले 66 हजार के नकली नोट दिए थे। लालघाटी पर एक शराब दुकान पर नोट खपाने के दौरान दोनों पकड़े गए थे। हबीब फरार था। उसकी निशानदेही पर जहांगीराबाद इलाके में चल रही नकली नोट की फैक्ट्री पर दबिश दी थी। अब इस मामले में तबरेज की तलाश की जा रही है। यह फैक्ट्री उसी के घर में चल रही थी। उसका एक साथी खालिद कुरैशी जेल में बंद है। उसकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।

एक रुपए के खर्च पर 49 रुपए का फायदा

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि एक नोट बनाने पर करीब एक रुपए का खर्च आता है। इसके बाद उसे ग्राहक की डिमांड पर छापते थे। कई ग्राहक 50 रुपए में खरीदते थे, जबकि कई इससे अधिक भी रकम देते थे। ऐसे में इन्हें एक रुपए पर करीब 49 रुपए का कम से कम फायदा होता था। हालांकि प्रिटिंग के बाद नोट काअसली नोट से मिलन करने में समय लगता था। सही तरह से मिलान होने के बाद ग्राहक को नोट सौंप दिए जाते थे।

आरोपियों के बारे में

गिरफ्तार आरोपी का नाम उम्र निवासी काम
हबीब 39 साल अशोका गार्डन, भोपाल नोट खपाना
अंकित अहिरवार उर्फ केतन 24 साल जहांगीराबाद, भोपाल नोट बनाना
आयुष पियाणी उर्फ छोटू 30 साल भानपुर, भोपाल नोट बनाना
संदीप शाक्या 25 साल छोला, भोपाल नोटों का मिलान करना
फरार
तबरेज खान जहांगीराबाद, भोपाल मुख्य आरोपी
यह पहले से गिरफ्तार
संजय सिंह 40 साल मालथौन, जिला सागर

ग्राहक

मुकेश यादव 33 साल मालथौन, जिला सागर ग्राहक

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