Tarpan in Bhopal’s Sheetal Das Bagia; Due to this, he had to stand in the water, even the children were involved, the government planted the diver. | भोपाल की शीतलदास की बगिया में तर्पण; इस कारण पानी में खड़े होना पड़ा, बच्चे तक शामिल हुए, शासन ने गोताखोर तक लगाए

Tarpan in Bhopal’s Sheetal Das Bagia; Due to this, he had to stand in the water, even the children were involved, the government planted the diver. | भोपाल की शीतलदास की बगिया में तर्पण; इस कारण पानी में खड़े होना पड़ा, बच्चे तक शामिल हुए, शासन ने गोताखोर तक लगाए


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भोपाल16 मिनट पहले

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भोपाल में करीब 13 दिन पहले घाट पर तर्पण नहीं करने का प्रतिबंध हटा था। उसके बाद से शीतलदास की बगिया में सबसे ज्यादा लोग पहुंचे। गुरुवार को अंतिम दिन सबसे ज्याद संख्या में लोगों ने तर्पण किया। फोटो – शान बहादुर

  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूरा कार्यक्रम
  • इसमें दोपहर तक 100 से अधिक लोग शामिल हो चुके थे

भोपाल में पितृ पक्ष के अंतिम दिन गुरुवार को शीतलदास की बगिया समेत कई अन्य घाटों पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तर्पण किया। सबसे ज्यादा भीड़ शीतलदास की बगिया घाट पर नजर आई। यहां पर दोपहर तक 100 से अधिक लोग तर्पण कर चुके थे। इसमें बच्चे भी शामिल हुए। प्रशासन ने यहां भी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं। इसे देखते हुए सुबह से ही गोताखोरों को तैनात किया गया।

प्रशासन ने तालाब को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम की गाड़ियां लगाई थीं।

प्रशासन ने तालाब को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम की गाड़ियां लगाई थीं।

यहां पर सबसे ज्यादा तर्पण का कारण

शीतलदास का घाट का बड़ा होने और छोटे तालाब की अपेक्षा पानी साफ होने के कारण यहां ज्यादा संख्या में लोग आते हैं। हालांकि यह घाट उत्तरमुखी है। इस कारण लोगों को तर्पण की अधिकांश क्रियाएं पानी में खड़े रहकर करना पड़ती है। पितरों के निमित्त किया जाने वाला तर्पण दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया जाता है। यहां पर तर्पण मुख उत्तर दिशा की ओर हो जाता है। इसके चलते सभी को पानी में उतरना पड़ता है। ऐसे में यहां पर शासन को सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम करना होता है।

भोपाल की शीतलदास की बगिया में लोगों ने भी सुबह से ही पहुंचकर तर्पण किया।

भोपाल की शीतलदास की बगिया में लोगों ने भी सुबह से ही पहुंचकर तर्पण किया।

लोगों की सुरक्षा के लिए घाटों पर गोताखोरों को तैनात किया गया था।

लोगों की सुरक्षा के लिए घाटों पर गोताखोरों को तैनात किया गया था।

सुबह से ही लगने लगी थी भीड़

सुबह 8 से 12 बजे के बीच सौ से अधिक लोगों को यहां सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए तर्पण कराया गया। इस घाट पर हर साल पितृ पक्ष में नियमित रूप से करीब 300 लोग आते हैं। इस बार शासन द्वारा लगाई गई रोक के कारण अधिकांश लोगों ने शुरू के तीन दिनों में घरों में ही ऑनलाइन तर्पण आदि कार्य किए। करीब 13 दिन पहले इस पर रोक हटाई गई। ऐसे में उसके बाद से यहां पर लोगों का सिलसिला बढ़ गया था।

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