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- The Wife Said My Husband Died Not From Corona, But From The Negligence Of The System; The Story Of Her Husband’s Death Narrated In The Video
भोपाल40 मिनट पहले
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जबलपुर की महिला ने वायरल वीडियो में अपने पति की मौत की वजह सरकारी अस्पताल की सुविधाओं पर सवाल उठाए हैं।
- आशीष तिवारी की पत्नी नेहा का 10 दिन बाद वीडियो वायरल, बोलीं- अब हिम्मत हुई है आपसे बात करने की
- मेरे पति को नॉर्मल फ्लू था, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली, ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर पर केस करना है
- जबलपुर में एक महिला ने अपने पति की मौत के बाद सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठाए हैं
जबलपुर में कोरोना का कहर जारी है, एक दिन पहले ही वहां पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति के लिए जमीन पर चिता बनाई गई और अंतिम संस्कार किया गया। क्योंकि उन्हें मुक्तिधाम में प्लेटफार्म नहीं मिल पाया। अब एक दिन बाद गुरुवार को जबलपुर में एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने पति की मौत के लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने वीडियो में अपने पति की मौत की पूरी व्यथा सुनाते-सुनाते रुआंसी हो गईं। अपने पति की मौत के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं।
मृतक आशीष तिवारी की पत्नी नेहा तिवारी ने कहा कि वह हिम्मत जुटाकर 10 दिन बाद वीडियो वायरल कर रही हैं। अब हिम्मत हुई है इसलिए आपसे बात कर रही हूं। मेरे पति को नॉर्मल फ्लू था, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली और उनकी मौत हो गई। अब मैं ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर पर केस करना चाहती हूं, मुझे उम्मीद है कि आप मेरा साथ देंगे।
ऑक्सीजन नहीं मिलने पर हुई पत्नी की मौत
पीड़ित पत्नी ने मैसेज बनाकर वीडियो वायरल करते हुए मेडिकल अस्पताल की स्वास्थ सुविधाओं और सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। पीड़ित पत्नी नेहा तिवारी ने विगत 10 दिनों पूर्व अपने पति आशीष तिवारी को कोरोना संक्रमण की वजह से खो दिया था। नेहा ने दावा किया है कि उनके पति की हालत मरने से 20 मिनट पहले तक ठीक थी और उनकी फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन अचानक ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।
अब तक पति की कोरोना रिपोर्ट नहीं आई है: पीड़ित पत्नी
नेहा तिवारी के मुताबिक, आज तक उनके पति की कोरोना रिपोर्ट अब तक उन्हें नहीं मिली है। न हमारे घर को सील किया और न ही किसी की कोरोना जांच की गई। निजी अस्पताल में उन्हें निमोनिया बताया गया था और भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके बाद वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे। भर्ती भी हुए, लेकिन जैसे ही परिजन घर तक खाना और कपड़े लेने पहुंचे। उस 10 मिनट के दरमियान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पूरे मामले में पीड़ित पत्नी ने केस दर्ज कर दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई को जरूरी बताया है।
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