Shops along the road, bought friends’ names, bills levied by own firm | सड़क की जगह दुकानें, दोस्त की पत्नी के नाम खरीदीं, बिल खुद की फर्म के लगाए

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उज्जैन20 घंटे पहले

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किशुंक

  • किंशुक गैंग के दूसरे सीएमओ भी घेरे में, कॉल डिटेल से पकड़ाएंगे

लोकायुक्त की कार्रवाई से घिरे बड़नगर नगर पालिका सीएमओ कुलदीप किंशुक की गैंग भी अब लोकायुक्त की नजर में है। लोकायुक्त पुलिस की जांच में ऑन रिकॉर्ड जिनके नाम आए हैं, उन सभी की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है। इससे अब भ्रष्टाचार की और भी परतें खुलेंगी। आलोट में जो दुकानें किंशुक ने अपने पार्टनर दोस्त की पत्नी के नाम खरीदीं, वो सड़क की जगह पर बनाई गई थीं। इसकी भी जांच शुरू हो गई है। ये दुकानें बनकर पूरी भी नहीं हुई थीं और किंशुक ने खरीदी करवा ली थी। लोकायुक्त निरीक्षक राजेंद्र वर्मा ने बताया जांच में अभी बहुत कुछ सामने आएगा। किंशुक समेत उसके परिवार के सदस्यों, दोस्तों की सीडीआर भी निकलवा रहे हैं, जिससे यह पता चलेगा कि उसके तार किन-किन लोगों से जुड़े हुए हैं। लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया किंशुक ने माकड़ौन नगर पंचायत में पदस्थ रहते हुए खाता इंदौर में खुलवाया, जबकि उक्त खाता वहीं की आसपास की बैंक में होना चाहिए था। इंदौर की बारोली बैंक में उसने ऐसे 7-8 खाते खुलवा रखे हैं। नगर पंचायत का खाता इंदौर की बैंक में खुलवाने की पीछे भी भ्रष्टाचार संबंधित बड़ी मंशा हो सकती है।

प्रजापति सिलाई सेंटर के नाम से भी फर्म बनाई, भाई, भाभी और पत्नी को शामिल किया, फाइल की जांच कर रही लोकायुक्त

लोकायुक्त टीम को प्रजापति सिलाई सेंटर की फाइल भी मिली है। किंशुक ने सिलाई सेंटर के नाम से भी फर्म बनाई हुई है, जिसमें भाई, भाभी व पत्नी को रखा है। सिलाई सेंटर का लोन खाता भी मिला है। ये सभी खाते भी इंदौर की बारोली स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में ही खुलवाए गए हैं। लोकायुक्त पुलिस ने सभी खाते सीज करवा दिए हैं। खातों में हुए अब तक लेनदेन की डिटेल मांगी गई है।

80 हजार से 1 लाख वाले 2 मोबाइल, 14 से 17 लाख वाली कारें भी
किंशुक का वर्तमान वेतनमान 34 हजार रुपए था। इस हिसाब से उसकी लाइफ स्टाइल सामान्य होनी चाहिए थी लेकिन जितनी उसकी तनख्वाह है, उससे अधिक तो वह खुद पर खर्च करता है। दो से अधिक मोबाइल उपयोग करता है। सभी फोन 80 हजार से एक लाख रुपए कीमत के हैं। 14 व 17-17 लाख की तीन महंगी कारों में घूमता है। हर सप्ताह शराब पार्टी भी करता है, जिसमें उसका राजदार व भ्रष्टाचार में बराबर का सहयोगी दोस्त मुकेश परमार शामिल जरूर रहता है। लोकायुक्त टीम ने 15 सितंबर की सुबह जब किंशुक के माकड़ौन स्थित घर पर छापा मार तब वहां शाजापुर के पोलायकला व महिदपुर के सीएमओ भी शराब पार्टी करते मिले थे, जिन्हें विभाग ने निलंबित कर दिया। यहां शराब की 10 महंगी बोतलें देख लोकायुक्त टीम ने अंदाजा लगा लिया था कि कैसी लग्झरी लाइफ स्टाइल किंशुक मैंटेन किए था।

आलोट में भी फर्जी तरीके से निकाला लाखों का लोन
आलोट में पार्टनर मुकेश व उसकी पत्नी के नाम से तीन दुकानें खरीदने वाले किंशुक ने यहां सीएमओ रहते हुए दो अस्थायी कर्मचारियों के नाम से बैंक ऑफ बड़ाैदा से आठ-आठ लाख रुपए के लोन स्वीकृत करवाकर राशि खुद ने निकाल ली। शुरुआती दो-तीन किस्तें खुद ने भरीं, लेकिन बाद में बंद कर दीं। कर्मचारियों के पास नोटिस पहुंचे तो उन्होंने सीएमओ रहे किंशुक को बताया लेकिन तब किंशुक ने यह कहते हुए आश्वस्त कर दिया था कि मैं हूं ना। बाद में यहां से ट्रांसफर होकर बड़नगर चला गया। कर्मचारियों ने बताया कि 2018 में सरकारी कामकाज के लिए किंशुक ने दस्तावेज मांगे और हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद बैंक से लोन स्वीकृत करवाकर राशि हड़प ली।

जगह की नीलामी कर खरीदी
राजेंद्र चौक चौराहे पर जो दो दुकानें 29 लाख से ज्यादा कीमत में खरीदी थीं वे तो 15 दिन पहले ही तैयार हुई हैं। यानी निर्माण से पहले ही एक प्रस्ताव पारित करवाकर केवल जगह की नीलामी करवा दी और दुकानें ले लीं। यहां तो टीएनसीपी की शर्तों का उल्लंघन भी हुआ है। प्रस्तावित रोड की जगह दुकानें बनाकर खरीद लीं। बताया जा रहा है कि अलग-अलग नाम से अपनी व्यावसायिक फर्म बनाकर बिलों का भुगतान भी उसमें किया है। इसकी जांच लोकायुक्त ने शुरू कर दी है।

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