भोपाल गैंस कांड के पीड़ित हुए कोविड संक्रमित, अस्पताल की ‘लापरवाही’ से हुई 6 की मौत | bhopal – News in Hindi

भोपाल गैंस कांड के पीड़ित हुए कोविड संक्रमित, अस्पताल की ‘लापरवाही’ से हुई 6 की मौत | bhopal – News in Hindi



  • News18Hindi

  • Last Updated:
    September 19, 2020, 11:32 AM IST

 भोपाल. मध्य प्रदेश स्थित भोपाल में साल 1984 के यूनियन कार्बाइड कांड  में जिन्दा बचे लोगों में 6 लोग हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हो गए. वह सभी भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती थे. हालांकि बीते सप्ताह की उनकी मौत हो गई. इसके बाद 1984 की त्रासदी में पीड़ितों के लिए काम करने  संगठनों ने  आरोप लगाया है कि ऐसा अस्पताल की लापरवाही और कुप्रबंधन से हुआ.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति को भेजी गई एक चिट्ठी में समूहों ने छह गैस त्रासदी पीड़ितों की जानकारी शेयर की है जो ICU में भर्ती थे और वहीं उनकी मृत्यु हो गई. चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि इनके उपचार के लए कोई फुल टाइम डॉक्टर तैनात नहीं था और इन रोगियों  का कोविड -19 के लिए कोई इलाज नहीं किया जा रहा था.

बीएमएचआरसी भोपाल गैस पीड़ितों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है . फिलहाल यह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा चलाया जा रहा है.

एक बयान में कहा गया है कि  गैस आपदा पीड़ितों (कोविड पॉजिटिव और संदिग्ध) को बीएमएचआरसी के आइसोलेशन वार्ड में मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. कहा गया है कि  1984 की आपदा में जीवित बचे लोगों को आईसीयू  , पल्मोनरी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो-सर्जरी और न्यूरोसर्जरी फैसेल्टी की जरूरत होती है. अस्पताल में ऐसे लोगों को एंट्री देने से इनकार किया जा रहा है.आरटीआई से मिले आंकड़ों से स्पष्ट है कि अस्पताल के सभी विभागों ने प्री-कोविड टाइम के कंपैरिजन में में गैस त्रासदी पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती करने की संख्या को को दो से 11 गुना तक कम कर दिया है.

संगठनों ने कहा कि ‘बीएमएचआरसी का आदर्श वाक्य है ‘गैस पीड़ितों की सेवा में’ और यह अस्पताल कोविड -19 के लिए सबसे कमजोर आबादी की चिकित्सा जरूरतों की अनदेखी करते हुए काम कर रहा है.  आईसीएमआर कोरोना से निपटने में देश के लिए गाइडलाइन्स जारी कर रहा है लेकिन भोपाल में वो ऐसा कुछ करने में पूरी तरह असफल रहे.’





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