- Hindi News
- Local
- Mp
- Khandwa
- 31 Crore Deposited In The Account Of 31437 Farmers … Whose Fields Were Submerged, They Did Not Get Even One Rupee
हरसूद18 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- उज्जैन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के एक क्लिक से जिले के 31437 किसानों के खाते में 31 करोड़ जमा हुए
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान ने उज्जैन में आयाेजित कार्यक्रम में एक क्लिक से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2019 की फसल बीमा दावा राशि 4688 करोड़ रुपए प्रदेश के लगभग 22 लाख किसानों के खाताें में ट्रांसफर किए, लेकिन खंडवा के किसानाें में गुस्सा फूट पड़ा। क्याेंकि बाढ़ में जिन किसानों के खेत तालाब में तब्दील हो गए थे, उन्हें एक रुपया भी बीमा दावा नहीं मिला है। ऐसे में किसानों के राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठन आगामी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। कुछ जगह शुक्रवार काे बीमा कंपनी के पुतले भी फूंके गए।
सीएम के दाैरे से पहले किसानाें का गुस्सा बना चिंता का विषय
उधर, सितंबर के अंत में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का मांधाता उपचुनाव के सिलसिले में पुनासा आगमन तय है। ऐसे में मुख्यमंत्री के दौरे के ठीक पहले जिले में खंडवा, हरसूद, पांधाना, पुनासा, खालवा क्षेत्र में अचानक उपजे असंतोष ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार को दिनभर फसल बीमा की जानकारी में किसान परेशान नजर आए। वहीं, बीमा दावा निर्धारण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। फसल बीमा 2019 को लेकर जिले में 55 हजार किसानों की संख्या प्रारंभिक रूप से सामने आने का दावा किसान संघ द्वारा किया जा रहा है। दावा राशि भुगतान से ठीक पहले यह आंकड़ा 31 हजार हो जाना आश्चर्यजनक माना जा रहा है।
इन उदाहरणों से समझें किसानों में क्यों फूटा ये गुस्से का अंकुर
1. आशापुर-बोरीसराय समेत दर्जन भर गांव बाढ़ का शिकार हुए
2019 में खरीफ फसल के समय हरसूद विस क्षेत्र के आशापुर-बोरीसराय सहित दर्जनभर गांव भीषण बाढ़ का शिकार हुए। इन गांवों में एक भी किसान को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है। पिछले साल जुलाई के अंत में आग्नेय, रूपारेल, कालीमाचक, पाताल सहित अन्य सभी नदियों में शताब्दी की सबसे भीषण बाढ़ आई थी। जिसमें किसानों के खेत के खेत लील गए। जब ऐसे बाढ़ प्रभावित किसान ही फसल बीमा से वंचित रह गए तो बाकी किसान की चुप्पी स्वाभाविक है। किसान संघ द्वारा कृषि उपसंचालक से वंचित किसानों को लेकर चर्चा भी की गई, लेकिन कोई संतोषप्रद जवाब कृषि विभाग नहीं दे पाया।
2. मात्र 231 किसानों को करीब 17 लाख रुपए बीमा राशि दी
फसल बीमा 2019 की प्रारंभिक जानकारी में हरसूद ब्लॉक के एक मात्र ग्राम छापाकुंड के 231 किसान बीमा दावा के दायरे में आए हैं। जबकि छनेरा जिला सहकारी बैंक में खरीफ की फसल के लिए बीमित किसान 3300 से ज्यादा है। इनकी बीमित फसल 19 करोड़ रुपए बताई गई है, जबकि बीमा प्रीमियम लगभग 39 लाख रुपए किसानों ने चुकाई है। बावजूद इसके मात्र 231 किसानों को करीब 17 लाख रुपए बीमा राशि दी जा रही है। आगामी एक-दो दिनों में प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि को लेकर राजनीति उफान पर आ सकती है।
फसल बीमा वर्ष 2019 में हरसूद विधानसभा क्षेत्र के मात्र 1950 किसानों को लाभ मिलना चिंता का विषय है। कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा निर्धारण की जांच के लिए पत्र लिखेंगे। -विजय शाह, वन मंत्री, मप्र शासन व हरसूद विधायक
उपचुनाव की जल्दबाजी में प्रदेश सरकार किसानों के वाजिब फसल बीमा हक पर राजनीति कर रही है। किसानों के अधिकार के लिए सड़क पर उतरेंगे ।
-श्याम यादव, अध्यक्ष, किसान कांग्रेस, खंडवा
किसान संघ द्वारा फसल बीमा निर्धारण की जानकारी मांगी गई है। बीमा राशि नहीं मिलने से किसानों को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। संघ किसानों के हित की लड़ाई लड़ेगा। -सुरजीत मिन्हास, अध्यक्ष, किसान संघ, खालवा
0