Jyotiraditya Scindia | Kamal Nath In Madhya Pradesh Gwalior Today; Former Chief Minister Attacks On Jyotiraditya Scindia Over Gwalior-Chambal Development | कमलनाथ ने शिवराज को चुनौती दी; कहा- आमने-सामने बैठ जाएं, 26 लाख किसानों के नाम और कर्ज माफी की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूं

Jyotiraditya Scindia | Kamal Nath In Madhya Pradesh Gwalior Today; Former Chief Minister Attacks On Jyotiraditya Scindia Over Gwalior-Chambal Development | कमलनाथ ने शिवराज को चुनौती दी; कहा- आमने-सामने बैठ जाएं, 26 लाख किसानों के नाम और कर्ज माफी की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूं


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ग्वालियर12 मिनट पहले

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कमलनाथ ने ग्वालियर में कहा कि शिवराज की हिम्मत कैसे हो रही कि वह मुझसे 15 महीने का हिसाब मांग रहे हैं, पहले अपने 15 साल का हिसाब दें।

  • 50 साल से पहले प्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी, कोई इंदौर या भोपाल की बात नहीं करता था
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं लिया ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम, सवाल पूछा- कुछ वर्षों से ग्वालियर-चंबल उपेक्षित क्यों रहा?
  • ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे, मुझे ज्योतिष बताते थे, आज सबसे कम टेस्टिंग प्रदेश में हो रही है

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को ग्वालियर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर किसी निवेशक को विश्वास नहीं है, क्योंकि भाजपा सरकार में प्रदेश की पहचान माफिया से थी, मिलावट से थी, भ्रष्टाचार से थी। मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका, मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग है। हमने 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। मै शिवराज को चुनौती देता हूं कि आमने-सामने बैठ जाएं मैं आपको 26 लाख किसानों के नाम, उनके गांव का नाम, माफ कर्ज की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूं।

कमलनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि आज से 50 वर्ष पहले प्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी, कोई इंदौर-भोपाल-जबलपुर की बात नहीं करता था। कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ग्वालियर-चंबल उपेक्षित क्यों रहा? बुनियादी सुविधाएं तक ग्वालियर को नहीं मिली? चाहे ग्वालियर की सड़कों की बात करे, फ्लाईओवर की बात करे, ग्वालियर क्यों उपेक्षित रहा? इसका ज़िम्मेदार कौन?

शिवराज के झूठ की राजनीति बहुत हुई: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शिवराज जी झूठ की राजनीति बहुत हो गई ,अब यह चलने वाली नहीं है। मोदी जी के 20 लाख करोड़ में से किसी को 20 रुपए भी मिले क्या ? ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे, मुझे ज्योतिष बताते थे। आज सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही है। आज स्थिति कितनी भयावह है। जो कह रहे है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया तो यह सभी जानते है कि विधायकों ने किसे अपना नेता चुना और किसे मात्र 18 वोट मिले ? कौन सौदागर है, किसने सौदा किया, यह भी सभी जानते है? ‘

हमने वोट से सरकार बनाई, उन्होंने नोट से
‘बाबा साहेब ने कभी सोचा नहीं होगा कि इस प्रकार की राजनीति अपने देश में होगी। सांसद-विधायक के निधन पर उपचुनाव का प्रावधान तो किया लेकिन सौदा हो जाएगा, बोली लग जाएगी और उपचुनाव होंगे, यह भी भाजपा करेगी ? आज भाजपा ने संविधान व प्रजातंत्र को ही दांव पर लगा दिया। मै जनता से अपील करता हूं कि वो संविधान की रक्षा करें, अपने भविष्य की रक्षा करें।’

भाजपा की हिम्मत कैसे हुई 15 महीने का हिसाब मांगने की
कमलनाथ ने कहा कि चुनाव प्रदेश के साथ ही ग्वालियर-चंबल के भविष्य का चुनाव भी, मेरा प्रयास रहेगा कि हम ग्वालियर-चंबल में विकास कार्य में एक नया इतिहास बनाएं। आप जानते है कि मालनपुर को लेकर कितनी बड़ी-बड़ी बातें हुई, आज क्या हाल है? जितने उद्योग लगे नहीं उतने बंद हो गए। मालनपुर को लेकर कितनी घोषणा हुई थी, यह तस्वीर आपके सामने है। हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। मुझे शिवराज व भाजपा से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, जनता इसकी गवाह है। भाजपा में हिम्मत कैसे हुई जो मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं, आज तक अपना 15 साल का हिसाब नहीं दे रहे है, पहले अपना हिसाब दे।

ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएं हुईं, लेकिन विकास जीरो: पूर्व सीएम
आज शिवराज जी नारियल अपनी जेब में लेकर चलते है, जहां मौका मिलता है फोड़ देते हैं, घोषणा करने लग जाते हैं, कितनी घोषणाएं शिवराज जी ने की 15 साल में, ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएं की, कितनी आज तक पूरी हुई, इसकी सच्चाई जनता जानती है। हमारे कृषि क्षेत्र की आज क्या हालत है? मै पूछना चाहता हूं कि कृषि उत्पादन बढ़ा, क्या उसके अनुपात में मंडियां बढ़ी, ख़रीदी बढ़ी?

‘लाखों-करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, लेकिन हुआ कुछ नहीं’
शिवराज सरकार में प्रदेश किसानों की आत्महत्या में नं. 1, बेरोजगारी में नंबर वन, महिलाओं से अत्याचार में नं वन। आपने कभी गुजरात-केरल-तमिलनाडु का मज़दूर देखा, मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा मजदूरों के उत्पादन वाला प्रदेश बना डाला। प्रदेश में निवेश तब आता है जब विश्वास का माहौल हो। कितनी इन्वेस्टर्स समिट हुई, लाखों करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, दावे किए गए, कहां गया निवेश ?

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