पुलिस ने छात्रा को परिजनों को सैौंप दिया है.
छात्रा ने परिजनों को अपने दोस्त से मिलने जाने की बात कही थी, लेकिन परिवार ने मना कर दिया था. फिर वो खुद फ्लाइट से अपने गेम पार्टनर (Game Partner) से मिलने पहुंच गई.
पुलिस ने परिजनों की आशंका पर तकनीकी जांच शुरू की तो नाबालिग का लोकेशन पंजाब ही पाया गया. पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर पंजाब के अमृतसर में छापा मारा तो नाबालिग राहुल उर्फ़ अजय के घर पर ही छात्रा मिली. दोनों को उनके ही घर से बरामद कर पंजाब से इंदौर लाया गया. पुलिस ने छात्रा के बयान लिए तो उसने अपने साथ किसी प्रकार की अनहोनी से इंकार कर दिया. साथ ही बताया कि वह दोनों पिछले डेढ़ साल से पबजी में गेम पार्टनर है.
ऐसे पहुंची पंजाब
छात्रा ने पुलिस को बताया कि खेल के दौरान ही दोनों की मुलाकात हुई और फिर दोस्ती गहरी हो गई. 9 सिंतबर को राहुल उर्फ़ अजय का जन्मदिन था. इसीलिए वह उससे मिलने फ्लाइट से मुंबई पहुंच गई थी. पुलिस ने परिजनों एवं अन्य के बयानों के आधार पर युवक के खिलाफ अपहरण की धारा में प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं छात्रा को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. अजय को न्यायालय ने जेल भेज दिया. हालांकि ऊपरी अदालत में फिर से हुई सुनवाई में उसे जमानत भी मिल गई.बहरहाल यह साबित हो जाता है कि परिजनों को बच्चों के खेल के वक़्त और मोबाइल के उपयोग के दौरान यह नजर बनाए रखना चाहिए कि वह क्या और कितना उपयोग कर रहे हैं. बच्चे खेल के दौरान कहीं किसी गलत रास्ते पर तो नहीं जा रहे हैं. गौरतलब है की इंदौर ही ऐसा शहर है जहां कुछ समय पूर्व लसूड़िया थाना इलाके में फ्री फायर गेम खेलने के दौरान मिल रही हार से नाराज होकर एक मासूम ने अपनी नाबालिग गेम पार्टनर की बेरहमी से हत्या कर दी थी.
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लोकेशन से मिला सुराग
जांच अधिकारी मीना चौहान के मुताबिक़ थाने आकर परिजनों ने शिकायत की थी, जिस पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया. गायब हुई नाबालिग के मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन की तलाश की गई तो पंजाब के राहुल की भूमिका संदिग्ध नजर आई. इसके साथ ही उसके घर पर दबिश दी गई तो वह छात्रा उसके ही घर पर बरामद हुई. पुलिस ने राहुल को अपहरण के जुर्म में गिरफ्तार किया है, वहीं छात्रा को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.