खास बात यह है कि चॉर्जिंग स्टेशन खोलने के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी. इतना ही नहीं चॉर्जिंग स्टेशन खोलने में सरकार आपकी मदद भी करेगी. यह जानकारी बिजली और कौशल विकास राज्यमंत्री आरके सिंह ने राज्यसभा में दी है.
सरकार पहले यहां खोलेगी चॉर्जिंग स्टेशन
बड़े शहरों में खोले जाएंग चार्जिंग स्टेशनसरकार की योजना अनुसार साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 40 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले मेगा शहरों में वरीयता के साथ चॉर्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे. इन शहरों से सटे एक्सप्रेसवे-कॉरिडोर और शहरों से लगे 5 प्रमुख नेशनल हाइवे को वरीयता दी जाएगी.
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यह शहर हैं वरीयता में- मुम्बई, दिल्ली, बैंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, सूरत और पुणे जैसे बड़े शहर इस प्लान में वरीयता के साथ शामिल किए गए हैं.
यह एक्सप्रेसवे- कॉरीडोर किए जाएंगे शामिल- मुम्बई-पुणे एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-बड़ोदरा, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-जयपुर, बैंगलुरू-मैसूर, बैंगलुरू-चेन्नई, सूरत-मुम्बई, आगरा-लखनऊ, ईस्टर्न पेरिफेरल, दिल्ली-आगरा एनएच-2 और हैदराबाद-ओआरआर एक्सप्रेसवे को चॉर्जिंग स्टेशन के लिए शामिल किया गया है.
यह सब इस योजना के पहले चरण में होगा. लेकिन दूसरे चरण में जो 3 से 5 साल में चॉर्जिंग स्टेशन के लिए स्टेट की राजधानियों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बड़े शहरों को शामिल किया जाएगा.
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यह इलेक्ट्रिक व्हीकल आएंगे सड़कों पर
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देशभर में 25 से 30 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल हों जिससे की प्रदूषण कम किया जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इस प्लान के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल सड़कों पर ला रही है. प्लान के अनुसार 7 हज़ार ई-बसें, 55 सौ ई-कार, 5 लाख ई-3 व्हीलर और 10 लाख ई-2 व्हीलर लाने की सरकार की योजना है.