Disputed comment on Jayas, Minister Thakur said – Always stand with tribal brothers | जयस पर विवादित टिप्पणी पर बवाल के बाद मंत्री ठाकुर की सफ़ाई, आदिवासी भाइयों के साथ सदैव खड़ी हूं

Disputed comment on Jayas, Minister Thakur said – Always stand with tribal brothers | जयस पर विवादित टिप्पणी पर बवाल के बाद मंत्री ठाकुर की सफ़ाई, आदिवासी भाइयों के साथ सदैव खड़ी हूं


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इंदौरएक घंटा पहले

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जयब बोली – मंत्री ने ना केवल संगठन बल्कि समूचे आदिवासी समाज का अपमान किया है।​​​​​​​

  • ठाकुर बोलीं – उनके किसी भी बयान से आदिवासी भाइयों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए वे क्षमाप्रार्थी हैं
  • ठाकुर ने एक बयान में जयस को देशद्रोही संगठन तक बताया था, उन्होंने कहा था कि न जाने कैसे यह संगठन पनप जाते हैं

प्रदेश की पर्यटन विकास मंत्री उषा ठाकुर ने जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मचे बवाल पर सफ़ाई दी है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि मैं हमेशा आदिवासियों के विकास और उत्थान के पक्ष में कार्य करती रही हूं। आगे भी करती रहूंगी।

ठाकुर ने कहा कि यदि उनके किसी भी बयान से आदिवासी भाइयों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए वे क्षमाप्रार्थी हैं। हालांकि उन्होंने इस तरह के संगठनों की गंभीरता से जांच की पैरवी भी की। उन्होंने कहा यह इसलिए जरूरी है, ताकि आदिवासी समाज को किसी भी तरह से गलत दिशा में जाने से रोका जा सके। ठाकुर ने इस मामले पर कांग्रेस द्वारा की जा रही सियासत की निंदा की। इस मसले पर कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति की निंदा की।

दरअसल, ठाकुर ने एक बयान में जयस को देशद्रोही संगठन तक बता दिया था। उन्होंने कहा था कि यह संगठन न जाने कैसे पनप जाते हैं। ठाकुर के इस आरोप पर गुस्साए जयस ने तीन दिन के भीतर माफ़ी नहीं मांगने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी।

मंत्री ठाकुर की विधायकी समाप्त करने आयोग को भेजा नोटिस

प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के द्वारा पिछले दिनों जय युवा आदिवासी संगठन को देशद्रोही बता जाने के खिलाफ संगठन लामबंद हो गया है। सोमवार को संगठन में अधिवक्ता अभिनव धनौतकर के जरिए चुनाव आयोग, विधान सभा अध्यक्ष को नोटिस भेजकर उनके विधायकी निरस्त किए जाने की मांग की है। नोटिस में उल्लेख किया है कि संगठन देश हित में काम करता है। बगैर किसी आधार के संगठन को देशद्रोही बताना बेहद आपत्तिजनक है। मंत्री ने ना केवल संगठन बल्कि समूचे आदिवासी समाज का अपमान किया है।

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