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- Government Will Give Booster Dose To Self help Groups; Funds Raised From Banks Increased From 300 Crores To 1400 Crores
भोपाल3 मिनट पहले
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कोरोना काल में मध्य प्रदेश के स्व-सहायता समूहों ने जबरदस्त काम किया। महिलाओं ने मास्क बनाए, पीपीई किट बनाईं और अपने प्रोडक्ट बाजार में भेजे। वह भी सस्ते दामों पर।
- स्व-सहायता समूहों को दिए ऋण पर ब्याज दर भी 4 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी
- प्रदेश की 33 लाख महिलाओं को स्व-रोजगार को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार स्व-सहायता समूहों को बूस्टर डोज देने जा रही है। इसके तहत राज्य शासन द्वारा इस साल महिला स्व-सहायता समूहों को बैंकों से दी जाने वाली सहायता सीमा 300 करोड़ से बढ़ाकर 1400 करोड़ रुपए कर दी गई है। साथ ही बैंक ब्याज दर चार प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। इसके ऊपर का ब्याज राज्य सरकार देगी। पूरे प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों की 33 लाख महिलाओं को स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ये नई व्यवस्था की गई है।
समूहों ने कोरोना काल में सिद्ध किया है, वो हर विपदा से बचा लेंगी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं ने कोरोना काल में यह सिद्ध करके दिखा दिया कि वे हर विपदा से बचाने में सक्षम है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए मास्क और पीपीई किट ने आम लोगों और सरकार की बहुत सहायता की। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तैयार की गई सामग्री काफी उपयोगी साबित हुई।
सरकारी खरीदी में मिलेगी प्राथमिकता
ग्रामीण अंचलों में संचालित महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को राज्य सरकार अब सरकारी खरीदी में प्राथमिकता देगी। प्रदेश में अब महिला स्व-सहायता समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले रेडी-टू-ईट पोषण आहार और शाला स्तर पर गणवेश निर्माण का कार्य दिया जा रहा है। इन कार्यों में स्व-सहायता समूहों को पूर्ण स्वायत्तता रहेगी।
स्व-सहायता समूहों को ई-प्लेटफार्म भी मुहैया कराएंगे
समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण को व्यवस्थित करने के लिए राज्य स्तर पर संस्थान बनाया जाएगा। समूहों के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए “ऑनलाइन ट्रेडिंग” तथा “ई-प्लेटफार्म” उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी की जा रही है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में 43 हजार से अधिक ग्रामों में 3 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है, इन समूहों से 33 लाख 96 हजार परिवार जुड़ चुके है।
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