More than 30 percent moisture in one lakh acres of cotton crop | एक लाख एकड़ की कपास फसल में 30 प्रतिशत से ज्यादा आई नमी

More than 30 percent moisture in one lakh acres of cotton crop | एक लाख एकड़ की कपास फसल में 30 प्रतिशत से ज्यादा आई नमी


खरगोन16 घंटे पहले

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  • व्यापारियों ने किसानों को माल अच्छी तरह से सुखा कर लाने को कहा

तेज बारिश से खरगोन क्षेत्र में खरीफ की फसल को भारी नुकसान हुआ है। फसल खेत में ही आड़ी पड़ गई। खरगोन, गोगावां, भीकनगांव सहित जिले में एक लाख एकड़ कपास की फसल 25-30 प्रतिशत तक खराब हो गई है। खेतों में डेंडू काले पड़ने लगे हैं। कपास में 30% से ज्यादा नमी है। रेशे की लंबाई कम हाेने, सफेदी घटने से चुनाई के बाद कपास को सुखाना पड़ रहा है।
किसान खेतों 5-6 रुपए किलो की चुनाई करने के बाद खलिहान, घर की छत व सड़क किनारे फैलाकर कपास को सूखा रहे हैं। लगातार बारिश के कारण कपास मंडी में भी नीलामी को रोकना पड़ा है। किसानों को उपज का ठीक भाव मिले इसलिए उन्हें अच्छी तरह से सुखाकर माल लाने को कहा गया है। कपास मंडी प्रभारी रामचंद्र भास्करे ने बताया जीनिंग परिसर में कपास को सुखाने की जगह नहीं है। कपास में 30% तक नमी आ रही है इसलिए किसानों को कम भाव मिल रहे हैं। उन्हें अच्छे भाव के लिए गुणवत्ता का माल ही लाने को कहा गया है। फिलहाल मंडी में नीलामी स्थगित है।
तीन फसलें… नगदी फसलों पर रुक-रुककर बारिश से किसानों पर असर

कपास : छत, खलिहान व सड़क पर फसल सुखाकर रेशा बचा रहे किसान
जिले में 2.24 लाख हेक्टेयर में कपास लगा है। शुरू से फसल अच्छी है। लगातार व देरी तक बारिश से किसान खेत से फसल की चुनाई नहीं कर पा रहे हैं। बारिश के बीच चुनाई करना पड़ रहा है। कुम्हारखेड़ा के किसान दीपेंद्र सिंह चौहान ने बताया गीले कपास की 5 रुपए चुनाई चुका रहे हैं। 3500 रुपए क्विंटल लागत पड़ रही है। इसके नीचे भाव मिलने पर घाटा है। गांव में सारे किसान खलिहान, छत व सड़क पर कपास फैलाकर नमी सूखा रहे हैं। ओझरा के किसान राधेश्याम पटेल व छोटी कसरावद के पवनसिंह पटेल ने बताया रुक-रुककर हो रही बारिश से कपास की चुनाई नहीं हो पा रही है। पककर तैयार फसल खराब हो रही है। सूखा रहे हैं।

सोयाबीन : बारिश से सूखी फसल हुई दागी
जिले में लगभग 35 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल लगाई गई है। बारिश का प्रभाव नगदी फसल सोयाबीन पर भी पड़ा है। फसल खेत में पककर तैयार है। लगातार बारिश होने से कटाई नहीं हो पा रही है। दाना दागी होने के आसार है। इसका भी बेहतर भाव मिलना मुश्किल है। मोतीपुरा के सागर रघुवंशी ने बताया कटाई भी नहीं कर पा रहे हैं। दाना फूल रहा है।

मिर्च : वायरस के बाद खेतों तक नहीं पहुंचे सर्वे दल, 40% फसल पर प्रकोप
जिले में रिकॉर्ड 45 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में मिर्च लगी है। मौसम में आए बदलाव के कारण 30 डिग्री से ज्यादा तापमान के कारण इस साल मिर्च पर वायरस का प्रकोप होने से फसल उबर नहीं पा रही है। लगभग 40% फसल को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन अभी तक खराब फसलों का सर्वे नहीं करा पाया है। राजस्व, कृषि व उद्यानिकी दल बनाए गए हैं, लेकिन किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि कुछ गांवों में सामूहिक आकलन करने की बात सामने आई है। अभी तक खराब फसल होने के बाद किसी भी किसान के खेत में दल नहीं पहुंचा है। कलेक्टर ने कई खेतों में खराब मिर्च को देखा है लेकिन मैदानी सर्वे की हकीकत शून्य है।

शिकायत… किसानों के खातों में नहीं पहुंची फसलों की बीमा राशि
खरीफ 2019 में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों की बीमा राशि किसानों के खातों तक नहीं पहुंची हैं। किसान प्रतिनिधियों ने कृषि विभाग से इस संबंध में मौखिक शिकायत दर्ज करवाई है। किसानों का कहना है ऑनलाइन खातों में राशि आने का कहा जा रहा है, लेकिन खातों में राशि पहुंची नहीं है। कृषि अफसरों ने किसानों को समझाइश दी है 4-5 दिन में खातों में राशि बीमा कंपनी के माध्यम से जारी कर दी जाएगी। प्रक्रिया चल रही है। किसानों का कहना है सोसायटी के खातों की बजाय सेविंग खातों में ही राशि डालने को कहा है। यदि राशि खातों में सीधे न आकर अन्य मद में काटी जाती है तो विरोध किया जाएगा।

सामूहिक आकलन हुआ सर्वे नहीं

^ गीले कपास की चुनाई करना पड़ रहा है। सोयाबीन दागी हो रहा है। वायरस से जूझ रही मिर्च फसल का सामूहिक आकलन हुआ लेकिन एक भी खेत में सर्वे नहीं हुआ। -श्यामसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ

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