Receipt of payment of fees on arrival of school called in St. Joseph’s Convent in the name of study material | स्टडी मटेरियल के नाम पर सेंट जोसफ कान्वेंट में बुलाया स्कूल पहुंचने पर फीस भरने का थमाया रसीद-कट्‌टा

Receipt of payment of fees on arrival of school called in St. Joseph’s Convent in the name of study material | स्टडी मटेरियल के नाम पर सेंट जोसफ कान्वेंट में बुलाया स्कूल पहुंचने पर फीस भरने का थमाया रसीद-कट्‌टा


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खंडवा18 घंटे पहले

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  • स्टेडियम पर पालकों ने कहा- जब बच्चा स्कूल गया ही नहीं तो फीस किस बात की जमा करे

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्कूले बंद होने के बावजूद संचालक पालकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। रविवार को निजी स्कूल सेंट जोसफ और हॉली स्प्रिट के खिलाफ पालकों का गुस्सा फूटा। स्टेडियम पर एकत्र पालकों ने कहा हम एक रुपया भी जमा नहीं करेंगे। निजी स्कूल प्रबंधकों की मनमानी के खिलाफ सोमवार को कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को मिलकर ज्ञापन दिया जाएगा। पालकों ने कहा सेंट जोसफ स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालकों के ऑनलाइन ग्रुप में मैसेज आया आप शनिवार को स्कूल आकर स्टडी सामग्री ले जाइए। स्कूल पहुंचने पर जो हमारे पास पहले से बुक्स है, उसके ही एक-दो ज़ैरौक्स (फोटो कॉपी) दे दिए। इसके साथ ही हमको फीस कार्ड दिया। जिसमें पहली कक्षा की दूसरी इंस्टॉलमेंट के 10 हजार 800 रुपए जमा करने के लिए लिखा था। जब हमारा बच्चा स्कूल गया नहीं, स्कूल के गेट को खोला नहीं, टेबल कुर्सी को यूज तक नहीं किया, मैडम को देखा नहीं तो फीस किस बात की दे?। हमारी लड़ाई इस बात की है। ऑनलाइन टीचिंग के दौरान जब टीचर से बच्चा कुछ पूछता है तो वे कहती हैं माइक और कैमरा ऑफ कर दीजिए। टीचर बच्चे को देखना ही पसंद नहीं कर रही है। मां ही बच्चे को दो घंटे पढ़ा रही है। क्या टीचर के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल वाले ही बोलते हैं 15 मिनट मोबाइल देखने से बच्चों की एक घंटे की मेमोरी लॉस होती है। ऐसे में कैसे मोबाइल दो-दो घंटे के लिए बच्चों को दे दे। हॉली स्प्रिट के पालकों ने कहा स्कूल से हमें फोन पर कहा जा रहा है कि सभी बच्चों के फीस जमा हो चुकी है। केवल आपके बच्चे की फीस नहीं भरी है। जब हम लोगों ने स्कूल के पालकों का ग्रुप बनाकर पूछताछ की तो पता चला किसी ने अभी तक फीस जमा नहीं की है। स्कूल प्रबंधन हमलोगों पर एक-दूसरे के नाम से दबाव बना रहा है। पालकों से स्टेडियम में पालक संघ के कौशल मेहरा एवं दीपसिंह झाला ने बात कर सभी से सहमति का पत्र लिखवाया कि कोई भी स्कूल के दबाव में शुल्क नहीं जमा करेगा। मेहरा ने कहा हमलोगों को स्कूल के साथ ही जिला प्रशासन और कलेक्टर को भी ज्ञापन देना चाहिए। जिससे कि हमारे पास रिकार्ड तो रहे कि किससे शिकायत की।

स्कालर्स-डेन स्कूल में कल से तिमाही परीक्षा, विद्यार्थियों से कहा- घर से लाओ सेनिटाइजर
इधर, कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर पढ़ाई बाधित रहने के बाद भी स्कालर्स-डेन स्कूल में कल से तिमाही परीक्षा आयोजित की जा रही है। स्कूल प्रबंधन ने सभी विद्यार्थियों से कहा घर से सेनिटाइजर लेकर ही विद्यालय आना। पालक संघ के कौशल मेहरा ने कहा इस संबंध में प्रबंधन ने बात की है। यदि वे नहीं मानेंगे तो प्रदर्शन किया जाएगा।

सरस्वती स्कूल में कक्षा पहली में 5700 और 12वीं गणित में साल भर का शिक्षण शुल्क 15300
इधर, संघ के अनुशांगिक संगठन विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में पहली से लेकर कक्षा 12वीं तक के साल भर का शिक्षण शुल्क निजी स्कूलों की फीस से बहुत ही कम है। कक्षा 12वीं में गणित में 15300 व कामर्स के विद्यार्थियों के लिए 14700 है। जबकि पहली में 5700 और दूसरी में केवल 6100 रुपए ही है। शुल्क जमा करने के लिए इंस्टालमेंट में व्यवस्था है। स्कूल संचालन समिति ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान पालकों को शुल्क जमा करने में रियायत भी दी है। वहीं कोरोना के दौरान शासन के निर्देश पर स्कूल खुलने से पहले विद्यालय में प्रवेश से लेकर क्लास रूम में बैठने तक की व्यवस्था में बदलाव किया है।

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