Madhya Pradesh Election News Update; Big Blow To Kamal Nath and Digvijay Singh, Congress Leader Mahendra Baudh Joins BSP Party | भांडेर में 9 दिन पहले खुले मंच पर विरोध करने वाले पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल, अब फूल सिंह बरैया की मुश्किलें बढ़ीं

Madhya Pradesh Election News Update; Big Blow To Kamal Nath and Digvijay Singh, Congress Leader Mahendra Baudh Joins BSP Party | भांडेर में 9 दिन पहले खुले मंच पर विरोध करने वाले पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल, अब फूल सिंह बरैया की मुश्किलें बढ़ीं


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भोपाल22 मिनट पहले

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भांडेर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने बसपा में जाने का कारण आम लोगों के बीच काम करना बताया।

  • कांग्रेस नेता दिग्वियज सिंह ने कहा था- हाथ-पांव जोड़ेंगे, रास्ता निकालेंगे
  • दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से टिकट कटने से नाराज चल रहे थे बौद्ध

कांग्रेस को उपचुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है। चंबल के बड़े नेता और 50 साल से पार्टी की सेवा कर रहे पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध मंगलवार को बसपा में शामिल हो गए। वे भांडेर से फूल सिंह बरैया को टिकट दिए जाने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने 9 दिन पहले खुले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने विरोध जताया था।

उन्होंने कहा था- राजा साहब, मेरे साथ लगातार अन्याय हो रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अब तक 6 बार टिकट कट चुका है। 50 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। भांडेर से जिन्हें टिकट दिया गया है, वह तिलक, तराजू और तलवार का नारा देकर लोगों को जातिगत रूप से बांटने का काम करते हैं। लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे।

इसलिए नहीं गया भाजपा में
कांग्रेस छोड़ने के बाद बौद्ध ने कहा कि भाजपा में इसलिए नहीं गया, क्योंकि उनकी सरकार है। सरकार में जाने के बाद कोई काम नहीं करता है। बसपा की सरकार नहीं है। ऐसे में यहां रहकर मुझे आम लोगों के बीच जाने का मौका मिलेगा। उनकी बात समझ सकूंगा। इसलिए बसपा में शामिल हुए हैं।

खुले तौर पर विरोध जताया था
महेंद्र बौद्ध ने भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ पहले ही विरोध के संकेत दे दिए थे। उन्होंने किला चौक पर आयोजित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण समारोह में खुले तौर पर पार्टी के निर्णय का विरोध किया था। दिग्विजय ने महेंद्र बौद्ध को यह कहकर समझाया कि हम पीछे हट नहीं सकते हैं। चर्चा करेंगे, बातचीत करेंगे, कोशिश करेंगे, हाथ-पांव जोड़ेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे, यही कह सकते हैं। अन्याय तो हुआ है लेकिन क्या कर सकते हैं। मैं टिकट वितरण में कतई हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण कराने पर मैं महेंद्र को शुभकामनाएं देता हूं।

खुलकर गुटबाजी सामने आई
बरैया का टिकट तय हो जाने के बाद भांडेर में कांग्रेस में गुटबाजी की संभावना बन गई थी। बताया जाता है कि यह टिकट दिग्विजय सिंह के कहने पर ही बरैया को दिया गया है। ऐसे में बौद्ध ने खुलेतौर पर इसका विरोध करते हुए अंजाम देख लेने तक की बात कही थी।

पारुल साहू ने कमलनाथ से सबसे पहले मुलाकात की। उसके बाद पार्टी में शामिल हों गईं।

पारुल साहू ने कमलनाथ से सबसे पहले मुलाकात की। उसके बाद पार्टी में शामिल हों गईं।

भाजपा से कांग्रेस में पहुंची पारुल
उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा से सुरखी की पूर्व विधायक पारुल साहू ने पार्टी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह भाजपा के टिकट पर सुरखी से 2013 में चुनाव लड़ीं थी और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मामूली अंतर से हराया था। लेकिन 2018 में उन्हें टिकट नहीं मिला था। ऐसे में वे कई बार विरोध कर चुके थे। राजपूत के भाजपा में शामिल होने के कारण वह कांग्रेस में आ गईं।

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