The corpse of an elderly man put in the basement of a private hospital in Indore, was mutilated by rats; The hospital has quipped, ‘This is blood discharge’ | इंदौर के एक निजी अस्पताल के बेसमेंट में डाला बुजुर्ग का शव, चूहों ने कुतर दिया; अस्पताल ने कुतर्क दिया, ‘यह तो ब्लड डिस्चार्ज‘

The corpse of an elderly man put in the basement of a private hospital in Indore, was mutilated by rats; The hospital has quipped, ‘This is blood discharge’ | इंदौर के एक निजी अस्पताल के बेसमेंट में डाला बुजुर्ग का शव, चूहों ने कुतर दिया; अस्पताल ने कुतर्क दिया, ‘यह तो ब्लड डिस्चार्ज‘


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इंदाैर25 मिनट पहले

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कफन में लिपटे शव की आंख लगभग बाहर आ चुकी थी। उससे खून निकल रहा था।

  • कोरोना जीने नहीं दे रहा, व्यवस्था मरने के बाद भी नहीं बख्श रही

सफेद कफन में काेविड प्राेटाेकाॅल के तहत पूरी तरह लिपटे शव के चेहरे और पैर की जगह पर घाव नजर आ रहे थे। बाएं पैर की अंगुलियां नजर नहीं आई। वीडियो में विलाप करते एक परिजन की आवाज सुनाई पड़ रही है, “ये देखिये, हमें यूनिक हॉस्पिटल से जो लाश दी जा रही है, उसे चूहों ने कुतर दिया है।’ साेमवार काे इस तरह का एक दिल दहला देने वाला मामला फिर सामने अाया। कोविड-19 से 87 वर्षीय व्यक्ति की रविवार रात मौत के बाद उसके शव को यहां एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर चूहों ने कुतर दिया। शव की दुर्गति का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने से मचे हल्ले के बाद जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।

पैर की कई अंगुलियां चूहों ने कुतर ही डाली।

पैर की कई अंगुलियां चूहों ने कुतर ही डाली।

फोन पर बोले थे- मुझे यहां से ले चलो, अच्छा नहीं लग रहा चेतन, मृतक के पौत्र
इस बीच, दिवंगत बुजुर्ग के पोते चेतन ने बताया कि उनके दादा नवीनचंद्र जैन के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते उन्हें चार दिन पहले यूनिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मेरे दादा कोरोना से संक्रमित थे। तीन-चार दिन पहले सांस में तकलीफ के कारण उन्हें भर्ती किया गया। रविवार तक ठीक थे। वीडियो काॅल पर सभी से बात भी की थी। मेरे चाचा भी अरिहंत हॉस्पिटल में भर्ती थे। वो उन्हें याद कर रहे थे। कह रहे थे- यहां अच्छा नहीं लग रहा। घरवालों से मिलना है। खाने का मन भी नहीं करता। डॉक्टरों ने हमें भरोसा दिलाया था कि वह जल्द ठीक हो जाएंगे। राम 8 बजे हमें कहा कि दादा की तबीयत क्रिटिकल है। कुछ पेपर्स पर साइन करवाए।

अलसुबह 4 बजे फोन आया कि उनकी डेथ हो चुकी है। आकर औपचारिकताएं पूरी कर दें। हम तत्काल वहां गए। कुछ पैसा जमा करवाने के लिए कहा गया। वह भी करवा दिया लेकिन बॉडी नहीं दी। स्टाफ ने कहा कि नगर निगम की गाड़ी आएगी तोे वह लेकर जाएगी। जैन ने बताया, “अस्पताल प्रबंधन ने मेरे दादा का शव सोमवार को सौंपा। हमने देखा कि चूहे उनके शव का कान और अंगूठा कुतर गये थे।”

संचालक-यह ब्लड का रिसाव

हे योद्धा, आपको नमन करते थे, ऐसा अनिष्ट क्यों किया, आपको माफी मांगनी पड़ रही?

हे योद्धा, आपको नमन करते थे, ऐसा अनिष्ट क्यों किया, आपको माफी मांगनी पड़ रही?

अस्पताल संचालक डॉ. प्रमोद नीमा ने कहा कि हमारे यहां मर्च्युरी नहीं है। शव आईसीयू के बाहर कॉरिडोर में रखा था। सुबह शव को बेसमेंट की पार्किंग से निकालते हुए नगर निगम को हैंडओवर किया। शव में कई तरह के रिसाव और स्किन में बदलाव हो रहे थे। इस वजह से परिजन को लगा कि चूहों ने डैमेज कर दिया।

जबकि जहां बॉडी रखी थी, वहां चूहों की एंट्री नहीं है। बॉडी आईसीयू में ही पैक कर दी गई थी। बॉडी को कॉरिडोर में रखा गया था। वह घाव नहीं है, ब्लड का रिसाव हुआ है, इसलिए निशान दिख रहे है। कोविड के डर के कारण बॉडी को साफ नहीं करते है। कई मुंह से भी रिसाव होता है।

विशेषज्ञ- सवाल ही नहीं उठता
शव से लिक्विड डिस्चार्ज होने की बात एकदम गलत है। कोविड के मरीज का शव पूरी तरह पैक किया जाता है। ऐसी स्थिति में लिक्विड डिस्चार्ज होने का सवाल ही नही उठता। शव को चूहों द्वारा कुतरने की बात सामने आ रही है, उसमें यह पूरे तरह सच हो सकती है। शव चूहों को आकर्षित करता है।
– डॉ प्रदीप गौड़, फोरेंसिक एक्सपर्ट (रिटा)

बेटे की पीड़ा…मेरे पिता की कीमत डेढ़ लाख नहीं है
नवीन के बेटे प्रकाश चंद जैन के मुताबिक उन्होंने अपने पिता के इलाज पर चार दिन में डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा अस्पताल में जमा कराए। इसके बावजूद उनके पिता की मौत हो गई। यहां तक भी ठीक है लेकिन शव को चूहों द्वारा कुतरने की बात पर उन्होंने अस्पताल के बाहर हंगामा किया तो अस्पताल के मालिक डॉ प्रमोद नीमा और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश पाटीदार ने उन्हें अंदर बुलाकर मामला दबाने के लिए डेढ़ लाख रुपए लौटाने की पेशकश की। प्रकाश का कहना है कि उनके पिता की कीमत डेढ़ लाख रुपए नहीं है। वे अस्पताल में अपने पिता को ठीक कराने लाए थे। न कि चूहों द्वारा कुतरा हुआ शव लेने।

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