बरेली11 घंटे पहले
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- 31 जुलाई तक होना था हितग्राहियों के डाटाबेस में आधार अपग्रेड
- काफी धीमी गति से चल रहा है कार्य
वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था अंतर्गत राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत सम्मिलित समस्त पात्र हितग्राहियों के डाटाबेस में आधार सीडिंग का काम अब तक नहीं हो पाया है, जबकि यह कार्य 31 जुलाई तक पूरा हो जाना चाहिए था। पात्र हितग्राहियों के डेटाबेस में आधार सीडिंग की सुविधा उचित मूल्य दुकान पर पीओएस मशीन पर उपलब्ध है। जून माह में हितग्राहियों को अवगत कराया जा चुका है कि 31 जुलाई 2020 में राशन प्राप्त करने के समय अपने साथ परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर अनिवार्य साथ लेकर आएं, जिससे विक्रेता द्वारा तत्ससम ही आधार नंबर की प्रविष्टि की जा सके।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार के द्वारा पात्र हितग्राहियों के आधार नंबर एवं उनके बायोमैट्रिक लेकर सत्यापन किया जाना हैय, लेकिन आज दिनांक तक विकासखंड अंतर्गत हितग्राहियों का सत्यापन नहीं हो सका है जिससे कार्य में लेटलतीफी हो रही है। जबकि सरकार के द्वारा पूर्व में ही समस्त पात्र हितग्राहियों के डाटाबेस में सही आधार नंबर प्रविष्ट करने एवं उनका बायोमैट्रिक सत्यापन करने को लेकर सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन अंतिम समय सीमा बीतने के बाद भी अभी तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है वर्तमान में भी काफी धीमी गति से कार्य चल रहा है।
मशीन पर अंगूठे के नहीं आ पा रहे निशान
सार्वजनिक वितरण वितरण प्रणाली के तहत खाद्य वितरण के लिए नगर में 5 व ग्रामीण क्षेत्रों में 57 दुकानें संचालित हो रही है। जिसमें नगरीय क्षेत्र में तो मशीनें चालू है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण के दौरान आने वाली परेशानी या उम्र के हिसाब से थंब के निशान नहीं आने की स्थिति में वर्तमान स्थिति मैं हितग्राही परेशान ना हो जिसके लिए किसी पहचान वाले को नॉमिनी बना कर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ।
यह है वर्तमान में स्थिति
वर्तमान में बाड़ी विकासखंड अंतर्गत कुल 99 दुकानें संचालित हैं, जिसमें बाड़ी शहरी 2 ग्रामीण में 35 एवं बरेली नगरी 5 एवं ग्रामीण में 57 दुकानें संचालित हैं । जानकारी के अनुसार आज दिनांक तक बाली जनपद के अंतर्गत आने वाली कुल दुकानों में 93 फीसदी हितग्राहियों का डेटाबेस सीडिंग किया जा चुका है वही बरेली में 98फीसदी डेटाबेस सीडिंग किया जा चुका है महज 5 से 7 फीसदी हितग्राहियों के डेटाबेस और सीडिंग होना है बहरी जल्द से जल्द हो जाएंगे
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