89 acres of land leased to farmers for farming, colonizer cut colony, complaint; Collector prohibited plot sale | किसानों को खेती के लिए पट्टे पर दी थी 89 एकड़ जमीन, कॉलोनाइजर ने काट दी कॉलोनी, शिकायत; कलेक्टर ने प्लाॅट बिक्री पर लगाई रोक

89 acres of land leased to farmers for farming, colonizer cut colony, complaint; Collector prohibited plot sale | किसानों को खेती के लिए पट्टे पर दी थी 89 एकड़ जमीन, कॉलोनाइजर ने काट दी कॉलोनी, शिकायत; कलेक्टर ने प्लाॅट बिक्री पर लगाई रोक


टीकमगढ़4 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

टीकमगढ़। कारी रोड पर स्थित वैशाली एवेन्यू कॉलोनी।

  • वैशाली एवेन्यू के कॉलोनाइजर ने प्लॉटों के विक्रय में किया फर्जीवाड़ा, आगामी आदेश तक प्लॉटों के नामांतरण पर राेक

कारी रोड पर किसानों के खेती करने के लिए पट्टे पर दी गई करीब 89 एकड़ भूमि पर कॉलोनाइजर ने फर्जी तरीके से कॉलोनी काट दी। जबकि बंटन की भूमि कलेक्टर के बिना अनुमोदन के विक्रय नहीं की जा सकती है। फिर ऐसे में इस जमीन पर कॉलोनी की अनुमति कैसे दे दी गई।

साथ ही प्लॉटों की खरीदारी के समय लोगों के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो। इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी कॉलोनाइजरों को रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन टीकमगढ़ शहर से लगी हुई भगतनगर कॉलोनी के आगे जिस जमीन का तीन साल पहले बटांकन ही निरस्त हो गया था। उसी जमीन पर बटांकन निरस्त होने के 4 महीने बाद 4 अक्टूबर 2017 में ही वैशाली एवेन्यू के मालिकों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसकी शिकायत समाजसेवी रीतेश भदौरा ने कलेक्टर कार्यालय में की थी। जिसकी जांच के बाद 16 सितंबर 2020 को कलेक्टर ने वैशाली एवेन्यू कॉलोनी के प्लॉट बिक्री पर रोक लगा दी है। भदौरा ने बताया कि उक्त भूमि की जांच एसडीएम ने की तो यह तथ्य सामने आया कि संबंधित भूमि का सभी बंदोबस्ती रकवा 89.31 एकड़ था, लेकिन वर्तमान में कम्प्यूटर में जो रकवा दर्ज है वह लगभग 95 एकड़ है। जिसके करीब 5.69 एकड़ की गड़बड़ी की गई है।

कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने कॉलोनी के प्लॉटों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किया है। साथ ही इस प्रकरण के सभी तथ्यों की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय दल भी गठित किया है। जिसमें अपर कलेक्टर के निर्देशन में एसडीएम राजस्व एवं अधीक्षक भू-अभिलेख टीकमगढ़ इस मामले की जांच करेंगे। जांच दल द्वारा अभिलेखों का परीक्षण व भूमि का माप करवाते हुए स्पष्ट प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर ने माना कि इस प्रकरण में प्राथमिक रूप से प्रावधानों के अनुक्रम में भूमि का क्रय विक्रय किया जाना था, जो कि नहीं किया गया है। इसलिए तहसीलदार टीकमगढ़ को निर्देशित किया है कि वह प्रश्नगत भूमि के संबंध में निष्पादित विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही नहीं करेंगे। साथ ही कलेक्टर ने ऐसे नामांतरणों पर अन्य आदेश तक रोक लगाई है। गौरतलब है कि जिस जमीन पर कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी के प्लॉटों का विक्रय किया जा रहा है। वह भूमि संवत 2015 में वर्ग-9 में बंजर मद में दर्ज थी।

उसके बाद यह जमीन कृषि कार्य के लिए किसानों को पट्टे में दी गई। उक्त भूमि का क्रय करते समय मप्र शासन की नियमों की अनदेखी करते हुए फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाकर लोगों के जीवन भर की कमाई शासकीय भूमि काे विक्रय करके लोगों के साथ छलावा किया जा रहा है।

तीन साल पहले तरबीम निरस्त कर दोबारा करने के एसडीएम ने दिए थे निर्देश
खसरा नंबर 67 जिसका रकवा 89.31 एकड़ है। इसकी तहसीलदार द्वारा दिए गए आदेश 13 फरवरी 2017 को पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा था कि भूमि खसरा नंबर 67 रकवा 89.31 बंदोबस्त अनुसार है। जबकि कम्प्यूटर में भूमि स्वामी के रूप में 95 एकड़ भूमि दर्ज है। जिसमें की 5.69 एकड़ वेशी रकवा है। सभी खातेदारों के नक्शा में तरबीम बनी हुई है। आवेदिका का कब्जा नहीं है। सभी खातेदार अपने-अपने हिस्से में काबिज में हैं। ऐसे स्थिति में तरबीम किया जाना संभव नहीं है। इसके बाद आवेदिका ने एसडीएम कोर्ट में तहसीलदार के आदेश के खिलाफ अपील की। जिसकी जांच के बाद बंदोबस्ती रकवा एवं कम्प्यूटर में दर्ज रकवा में गड़बड़ी मानते हुए तात्कालीन एसडीएम ने पूरे 67 नंबर खसरा की तरबीम निरस्त करते हुए तरबीम दोबारा करवाने की बात कही, लेकिन कॉलोनाइजर ने आज तक तरबीम नहीं करवाई और प्लॉटों का विक्रय किया।

रेरा के रजिस्ट्रेशन करवाने में भी की गड़बड़ी

इस जमीन की तरबीम 2 जून 2017 को निरस्त होने के बाद वैशाली एवेन्यू के मालिकों द्वारा गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर यह तथ्य छिपाते हुए रेरा में 4 महीने बाद 4 अक्टूबर 2017 माह में आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें फर्जी दस्तावेज संलग्न कर रेरा का रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसकी जांच के संबंध में यह प्रकरण रेरा न्यायालय में लंबित है।

कलेक्टर बोले लोगों के साथ ठगी न हो इसलिए लगाई रोक
इस संबंध में कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह जमीन बिना कलेक्टर के अनुमोदन के नहीं बेची जा सकती थी। यह मप्र भू राजस्व संहिता 1959 संशोधित अधिनियम की धारा 165(7-ख) का उल्लंघन है। इसलिए इसकी जांच के लिए टीम भी बनाई है। जाे पूरे प्रकरण की जांच करेगी। उन्हाेंने कहा कि लोगों के साथ किसी प्रकार की ठगी न हो इसलिए कॉलोनी के प्लॉटों की बिक्री पर रोक लगाई है।

0



Source link