भोपाल6 मिनट पहले
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संकेतात्मक फोटो
- हाईकाेर्ट ने सभी पक्षकारों को एक ऐसा प्रस्ताव रखने को कहा जिसमें स्कूल शिक्षा से जुड़े सभी पक्षाें का हित सुरक्षित रहे।
ट्यूशन फीस लिए जाने के मामले में निजी स्कूल प्रबंधनाें काे एक बार फिर राहत मिली है। सुनवाई के दाैरान हाईकाेर्ट ने पिछली सुनवाई का अंतरिम आदेश बरकरार रखा है। हाईकाेर्ट के जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डबल बेंच ने मंगलवार काे इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। हाईकाेर्ट ने सभी पक्षकारों को एक ऐसा प्रस्ताव रखने को कहा जिसमें स्कूल शिक्षा से जुड़े सभी पक्षाें का हित सुरक्षित रहे। किसी पर भी अतिरिक्त आर्थिक बोझ ना पड़े।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का पक्ष रखते हुए वकील सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने दलील दी कि एसोसिएशन से संबद्ध सभी निजी स्कूल अभी केवल शिक्षण शुल्क ही ले रहे हैं, अन्य शुल्क नियमित स्कूल शुरू होने पर ही लिए जाएंगे। एसाेसिएशन ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स के उपाध्यक्ष विनीराज माेदी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि महामारी के इस दौर में सभी पक्षों को कुछ समझाैता करना आवश्यक है।
सभी पक्ष अगली सुनवाई तक कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं दे पाते हैं तो कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुपम चौकसे ने बताया कि पालक 5 अक्टूबर तक ट्यूशन फीस जमा कर सकते हैं।
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