कृषि मंत्री कमल पटेल अब अपने बचाव में तमाम तर्क दे रहे हैं.
विधानसभा (Vidhan sabha) में पेश रिपोर्ट में शिवराज सरकार ने माना कि कमलनाथ सरकार (Kamalnath) ने 51 ज़िलों में किसानों का कर्ज़माफ किया
कमलनाथ सरकार में किसान कर्ज माफी को लेकर प्रदेश की मौजूदा सियासत पूरी तरीके से गर्म है. विधानसभा में कमलनाथ सरकार के किसान कर्ज माफी का कबूल नामा पेश करने के बाद भी प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के तेवर नरम नहीं पड़े हैं. वो अब भी कांग्रेस पर हमलावर हैं. कमल पटेल अब कह रहे हैं कि विधानसभा में जो आंकड़े पेश किए गए थे, वो सही हैं. कलेक्टरों ने कर्ज माफी के पोर्टल से आंकड़े लेकिन डाले थे. लेकिन हकीकत में किसानों की कर्ज माफी हुई ही नहीं.
कृषि मंत्री कमल पटेल अपने बचाव में कई तर्क दे रहे हैं. वो कह रहे हैं कि झाबुआ जिले में उपचुनाव के कारण कर्ज माफी की गई. लेकिन बाकी जिलों में किसी किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ. पिछली सरकार ने किसान कर्ज माफी के नाम पर सिर्फ 6 हजार 420 करोड़ की राशि का प्रावधान किया था. उनका आरोप है कि कांग्रेस किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है. कांग्रेस को आइना दिखाने के लिए उनकी सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी. वो अब उल्टा कांग्रेस नेताओं पर कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं. पटेल यहां तक कह गए कि राहुल गांधी और कमलनाथ को 24 घंटे के अंदर माफी मांगनी चाहिए. अगर वो माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ 420 का मामला दर्ज किया जाएगा.
कांग्रेस ने बीजेपी का मखौल उड़ाया
एमपी कांग्रेस ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर जवाबी हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा विधानसभा और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में किसानों का कर्जा माफ हुआ है.प्रदेश में 27 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा माफ हुआ है. कर्ज माफी के मामले में दुष्प्रचार करने पर कृषि मंत्री कमल पटेल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी एफ आई आर दर्ज करा सकती है.