हरदा21 घंटे पहले
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- जिले में 2012, 2013 और 2019 में सामान्य औसत से अधिक हुई बारिश, इस साल अब तक सामान्य बारिश 49.67 से 4.17 इंच बारिश कम
जिले में 10 में से तीन साल सामान्य औसत बारिश का आंकड़ा पूरा हाे सका है। इस साल अब तक आंकड़ा औसत बारिश के करीब पहुंच गया है। जिले की सामान्य बारिश 49.67 इंच है। रिकार्ड के अनुसार पिछले 10 सालाें में 3 साल ही औसत से अधिक बारिश हुई है। छह साल औसत से कम बारिश हुई। जिन छह सालाें में औसत से कम बारिश हुई, उन वर्षाें में लाेगाें काे पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। इस साल अब तक औसत से 4.17 इंच बारिश कम हुई है। हालांकि, विशेषज्ञाें का कहना है कि आगामी सप्ताह में बारिश का औसत आकड़ा पूरा हाेने की उम्मीद है। इससे इस बार लाेगाें काे पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक 2011 के बाद वर्ष 2014 से 2018 तक औसत से कम बारिश हुई। इससे शहर में पेयजल संकट की स्थिति बन गई। नगर पालिका काे टैंकराें से पानी सप्लाई करना पड़ा था।
जिले में अब तक 45.5 इंच बारिश : जिले में अब तक बारिश का काेटा पूरा नहीं हुआ है। औसत से 4.17 इंच बारिश कम हुई है। जिले की औसत बारिश 49.67 इंच है। जिले में अब तक 45.5 इंच बारिश हुई है। पिछले साल इस अवधि तक 68.96 इंच बारिश हाे चुकी थी। चालू मानसून सीजन में अब तक हरदा में 43.07 इंच, टिमरनी में 55.97 इंच और खिरकिया में 37.46 इंच बारिश हुई है। पिछले साल इस अवधि में हरदा में 66.70 इंच, टिमरनी में 85.80 इंच और खिरकिया में 54.40 इंच बारिश हुई थी।
जिले में 2016 में औसत से कम हुई बारिश, इस कारण जल संकट की स्थिति बनी
जिले में पिछले 10 सालाें में वर्ष 2016 में सबसे नीचे जल स्तर गया। वर्ष 2014 और 2015 दाेनाें साल औसत से कम बारिश हुई। 2016 में भी औसत से कम बारिश हुई। इसके कारण जल संकट की स्थिति बन गई। इस साल जल स्तर 127 फीट नीचे चला गया। अगले वर्ष 2017 और 2018 में भी औसत से कम बारिश हुई। लेकिन रिमझिम बारिश की वजह से जल स्तर में मामूली सुधार हुआ। भूजल स्तर बढ़कर 85.28 फीट और 89.38 फीट पर आ गया। 2019 में औसत से 22 इंच बारिश अधिक हाेने से जल स्तर में काफी सुधार हुआ। इस साल जिले का औसत भूजल स्तर 54.12 फीट पर आ गया।