Major negligence in reporting deaths, many private hospitals not even named, 114 dead in medical | मौतों की रिपोर्टिंग में घोर लापरवाही, कई निजी अस्पतालों का नाम तक नहीं, मेडिकल में 114 मरे

Major negligence in reporting deaths, many private hospitals not even named, 114 dead in medical | मौतों की रिपोर्टिंग में घोर लापरवाही, कई निजी अस्पतालों का नाम तक नहीं, मेडिकल में 114 मरे


जबलपुर3 घंटे पहले

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फाइल फोटो

  • डैथ ऑडिट का काम भी रुका, पाँच दिन पीछे चल रहा मौतों का आँकड़ा, निजी अस्पतालों के नाम भी छुपा रहे

क्या जिले में अब तक कोरोना से सिर्फ 136 मौतें ही हुईं हैं, सरकारी आँकड़ों की बात करें तो यह सही है लेकिन हकीकत में यह संख्या काफी कम है। स्वास्थ्य विभाग इतनी ही मौतें होना बता रहा है जबकि निजी अस्पतालों में होने वाली कोरोना मौतों का कोई हिसाब ही नहीं है। विभाग के आँकड़ों को मानें तो सिर्फ तीन निजी अस्पतालों में मात्र 4 कोरोना के मरीजों की मृत्यु हुई है।

कई बड़े अस्पताल तो कोविड मौतों के आँकड़ों में शामिल ही नहीं हैं, जबकि उनके द्वारा ही अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत संस्था को दिए जाने वाले पत्र में ही मरने वाले को कोविड पॉजिटिव बताया गया है। जिला प्रशासन ने गुरुवार को 136 मौतें होना बताया है। इतनी मौतें तो 20 सितंबर तक हो चुकी हैं, इन पाँच दिनों का आँकड़ा क्या है इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से होने वाली हर मौत का ऑडिट कर इसकी जानकारी भोपाल भेजनी है, यह काम लगभग बंद हो गया है।

पूर्व में जो महिला अधिकारी यह काम देखती थीं वे संक्रमित होने के बाद से बीमार हैं, फिलहाल वे दिल्ली में इलाजरत हैं। उनके बाद जिन दूसरे डॉक्टर को यह काम दिया गया वे भी इस पर ध्यान नहीं दे सके। अब कलेक्टर ने एल्गिन अधीक्षक डॉ. आरके खरे को यह जिम्मेदारी दी है, फिलहाल उन्होंने अपना काम शुरू नहीं किया है।

कहीं तो गड़बड़ है: कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं बड़े अस्पतालों में भी मौतें हो रही हैं लेकिन विभाग अपनी जानकारी में उन्हें शामिल नहीं कर रहा है। नेशनल हैल्थ मिशन के फार्म 8 में डैथ डीटेल भरकर रोज अपडेट करना होता है। यह काम मिशन के स्थानीय कर्मचारी करते हैं लेकिन अभी जो जानकारी दी जा रही है उसमें निजी अस्पतालों में होने वाली मौत में अस्पताल के नाम को छुपाया जा रहा है। आँकड़ों पर गौर करें तो 136 मौतों में मात्र तीन अस्पतालों में ही चार मौतें होने का जिक्र फार्म-8 में किया गया है। इन अस्पतालों में मेडीसिटी में एक, स्वास्तिक में दो और दिशा मल्टीस्पेशिएलिटी में एक मौत होनी बताई गई है।

अदर स्टेट फैसेलिटी का खेल: शुक्रवार तक प्रशासन द्वारा बताई गईं 136 मौतों का यह आँकड़ा 20 सितंबर तक का है। इनमें 11 मौतें होने के स्थान पर एडमिटेड अदर स्टेट फैसेलिटी दर्शाया गया है, जबकि ये मौतें यहीं निजी अस्पतालों में हुईं और अंतिम संस्कार भी चौहानी मुक्तिधाम में किया गया। भोपाल जाते समय एक संक्रमित की मौत के लिए जरूर कोई स्थान नहीं लिखा गया है।

मौत मेडिकल में दिखाया विक्टोरिया में: मौतों की सही जानकारी में बरती जा रही लापरवाही का परिणाम यह है कि मरीज की मौत मेडिकल में हो रही है लेकिन उसे दिखाया जिला अस्पताल विक्टोरिया में जा रहा है, ऐसी एक मौत सुखसागर कोविड केयर सेंटर में होनी बताई गई जबकि वहाँ अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है।



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