सीहोरकुछ ही क्षण पहले
- कॉपी लिंक
- कोरोना काल में ढाई महीने मंडियां बंद रहने से मजदूर पहले से ही हैं परेशान
मंडी व्यापारियों के बाद एक दिन पहले शुक्रवार से मंडी के कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। ऐसे में जिलेभर की कृषि उपज मंडियां शनिवार को भी बंद रहीं। चूंकि हड़ताल अनिश्चितकालीन है। इसलिए आगामी दिनों में भी मंडियां बंद रहेगी और किसान अपनी उपज बेच नहीं पाएंगे। इधर मंडी के कर्मचारी और अधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को मंडी में ही प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। यही वजह है कि बार-बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। इस बार कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। लगातार तीन से मंडी बंद होने का असर बाजार पर भी दिखाई दिया है। ग्रामीण क्षेत्र की ग्राहकी कम रही। मंडी व्यापारी संघ के प्रवक्ता जयंत शाह का कहना है कि हम टैक्स कम करने को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक हड़ताल पर रहेंगे।
हम्माल व तुलावटियों के सामने आर्थिक संकट
मंडी में बार-बार होने वाली हड़ताल से मंडियां बंद हैं और हम्माल व तुलावटियों को आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। हड़ताल से मंडियां बंद रहने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट है। पहले लॉकडाउन के कारण ढाई महीने मंडियां नहीं खुली और व्यापारी और कर्मचारियों की हड़ताल से दिक्कत आ रही है और रोजगार नहीं मिल पा रहा।