यूपी में अब प्राइवेट गाड़ियों की तर्ज पर ही कमर्शियल गाड़ियों का भी रजिस्ट्रेशन डीलर के जरिए ही किये जाएंगे.
उत्तर प्रदेश (UP) में अब प्राइवेट गाड़ियों (Private Vehicles) की तर्ज पर ही कमर्शियल गाड़ियों (Commercial Vehicles) का भी रजिस्ट्रेशन (Registration) डीलर के जरिए ही किये जाएंगे.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 28, 2020, 7:10 AM IST
उत्तर प्रदेश में कमर्शियल गाड़ियों को लेकर नया नियम आज से लागू
बता दें कि पहले कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ ऑफिस (RTO) का चक्कर लगाना पड़ता था. हालांकि, फिटनेस सहित अन्य तरह के सर्टिफिकेट के लिए अभी भी आरटीओ ऑफिस का ही चक्कर लगाना पड़ेगा. इस प्रक्रिया के शुरू होने से आम लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. कोरोना काल में इससे लोगों को आरटीओ के चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा. साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन निर्धारित समय में पूरा कर दिया जाएगा.
अब प्राइवेट गाड़ियों की तरह कमर्शियल गाड़ियों की भी रजिस्ट्रेशन डीलर के जरिए ही किए जाएंगे.
गाजियाबाद के एआरटीओ विश्वजीत सिंह कहते हैं, ‘यूपी शासन की तरफ से नया आदेश जारी किया गया है. आगामी 28 सितंबर से जिस शोरूम से कमर्शियल गाड़ी खरीदी जाएगी वहीं से ऑनलाइन कागजों को आरटीओ कार्यालय भेजा जाएगा. आरटीओ कार्यालय दस्तावेजों की जांच करके गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर देगा. गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर शोरूम भेज दिया जाएगा. वहीं से गाड़ी मालिक आरसी पेपर ले सकेंगे. अभी तक हल्के वाहनों में दो या चार पहिया गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन डीलर प्वांइट से हो रहा था. लेकिन, अब कमर्शियल वाहनों को भी इसमें जोड़ा जा रहा है. अब कमर्शियल गाड़ियों की भी इसी तरह रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे.’
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राजस्व का नुकसान होता था
सिंह कहते हैं, कोरोना काल में आरटीओ ऑफिस में भीड़भाड़ से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है. डीलर कमर्शियल वाहन बेच तो देता था लेकिन, बहुत से लोग वाहन का बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही चलाते रहते थे. इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होता था, लेकिन अब डीलर पॉइंट पर ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने से इसकी जिम्मेदारी डीलर पर आ जएगी. नई व्यवस्था के तहत डीलर की जवाबदेही तय की गई है कि वह कमर्शियल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराए.