बड़वानी12 घंटे पहले
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खुदाई में तांबे के घड़े से निकले चांदी के 2484 सिक्के जिन पर बने हैं सूर्य, पत्ती, तलवार व शिवलिंग। घड़े पर ओंकार महाराज की बजुका सं 1880 लिखा हुआ है।
- 250 साल पुराने 2484 सिक्के, पुरातत्व अधिकारी बोले- होलकर स्टेट के हैं सिक्के, उसपर बने हैं सूर्य, पत्ती, तलवार व शिवलिंग
झंडा चौक क्षेत्र में धर्मशाला निर्माण के लिए की जा रही खुदाई में चांदी के सिक्कों से भरा तांबे का कलश (घड़ा) निकला है। बंटवारे को लेकर विवाद के बाद मामला थाने तक जा पहुंचा। अब पुलिस ने सिक्के जब्त किए हैं। 250 साल पुराने 2484 सिक्कों का वजन 27 किलो 300 ग्राम है। जबकि कलश का वजन 3 किलो 200 ग्राम है। कलश पर ओंकार महाराज की बजुका सं. 1880 लिखा हुआ है। एक आरोपी गिरफ्तार किया है। पुरातत्व अधिकारी के अनुसार ये सिक्के होल्कर स्टेट के हैं। रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर एसडीओपी रूपरेखा यादव ने इसका खुलासा किया। संवत 1200 के इन सिक्कों की कीमत 14 लाख रुपए बताई है। सिक्कों पर अरबी, व फारसी भाषा में कुछ लिखा हुआ भी है। झंडा चौक में धर्मशाला निर्माण को लेकर कुछ समय से खुदाई चल रही है। 8 अगस्त को सिक्कों से भरा कलश निकला था। लेकिन ठेकेदार कैलाश पिता रणछोड़ धनगर निवासी चूनाभट्टी ने कलेक्टर को सिक्के जमा कराने की बजाय खुद रख लिए थे।
पुलिस के अनुसार मजदूरों द्वारा हिस्सा मांगने पर विवाद हुआ। इसके बाद मामला थाने तक पहुंचा। पुलिस ने धनगर से पूछताछ की। पहले तो वह गुमराह करता रहा। लेकिन सख्ती करने पर घर में तांबे का कलश घर में छिपाकर रखने की जानकारी दी। पुलिस ने कलश शनिवार को जब्त किया। इसमें से चांदी के 2484 सिक्के जब्त किए हैं। आरोपी को पकड़ने में टीआई राजेश यादव, एएसआई आरके लोेवंशी, प्रधान आरक्षक केशव यादव, जगजोध, बलवीर, शैलेंद्र, गेंदालाल, लक्ष्मी, प्रियंका ने कार्रवाई की।
उलझन… कई दावे आए सामने
पुरातत्व विशेषज्ञ : 1200 में महेश्वर और उज्जैन की टकसाल में बने थे सिक्के
जब्त सिक्कों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. आरसी ठाकुर व सेवानिवृत्त पुरातत्व अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया ये सिक्के ग्वालियर होलकर स्टेट के हैं। ये सिक्के संवत 1200 में उज्जैन व महेश्वर की टकसाल में बने थे।
आलीम मौलाना : सिक्कों पर उर्दू व फारसी में लिखा आलम गिर व जालीनूस का नाम
जामा मस्जिद के आलीम मौलाना अब्दुल जब्बार नूरी ने बताया कुछ सिक्के 1213-1217 ईस्वी के हैं। इन पर उर्दू व फारसी भाषा में बादशाह शाह आलम गिर व बादशाह जालीनूस का नाम लिखा हुआ है।
इतिहासकार : होलकर वंश के हैं सिक्के
इितहासविद् डॉ. शिवनारायण यादव ने बताया अहिल्याबाई होलकर के शासन काल के सिक्के हैं। इन पर शाह आलम बादशाह गाजी लिखा रहता था। अहिल्याबाई का शासन काल 1767-1795 तक रहा। वहीं सूर्य बना सिक्का तुकोजीराव होलकर द्वितीय के शासन काल का है। होलकर वंश में सबसे लंबा शासन काल (41 वर्ष 11 माह 20 दिन) तुकोजीराव होलकर द्वितीय का रहा।
राज परिवार : निज सचिव सिसोदिया बोले- सिसाेदिया वंश के सिक्के, पेश करेंगे दावा
राज परिवार के निज सचिव शिवपालसिंह सिसोदिया ने बताया जहां सिक्कों से भरा कलश मिला है वहां रियासतकाल में ट्रेजरी संचालित होती थी। 25 साल पहले राजगादी दूसरे कमरे में शिफ्ट कर बीसा नीमा महाजन समाज को हैंडओवर किया था। उन्होंने इन सिक्कों को सिसोदिया वंश का बताया। कानूनी सलाह लेकर इन सिक्कों पर अधिकार के लिए दावा पेश करने की जानकारी दी है।