MP By-election : बीजेपी चाहे हाइटेक ईवीएम, कांग्रेस बोले बैलेट पेपर, जुबानी जंग शुरू | bhopal – News in Hindi

MP By-election : बीजेपी चाहे हाइटेक ईवीएम, कांग्रेस बोले बैलेट पेपर, जुबानी जंग शुरू | bhopal – News in Hindi


भाजपा और कांग्रेस के लिए ये उपचुनाव बेहद अहम है.

कांग्रेस ने हाइटेक ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है और बैलेट पेपर से वोटिंग कराने की मांग की. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस जीत नहीं पाएगी. इसीलिए वह विरोध कर रही.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    September 28, 2020, 12:07 AM IST

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव ( Byelection) में हाइटेक ईवीएम (Hitech EVM) से वोटिंग कराए जाने को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में टकराव शुरू हो गया है. कांग्रेस ने हाइटेक ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है और बैलेट पेपर (Ballot paper) से वोटिंग कराने की मांग की है. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में जीत नहीं पाएगी. यही कारण है कि इस बार भी कांग्रेस ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने की प्लानिंग कर रही है.

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि अपडेट ईवीएम के जरिए चुनाव कराना शंका पैदा करता है. क्योंकि पहले कई ऐसे चुनाव हो चुके हैं, जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आई थी. इसलिए कांग्रेस मांग करती है कि 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बैलेट पेपर से वोटिंग कराई जाए. कांग्रेस को जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने जनता के लिए कुछ नहीं किया और अब उपचुनाव में जनता उसका जवाब देगी. ऐसे में कांग्रेस को पता है कि उसकी हार होगी और इसी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए अभी से कांग्रेस के नेताओं ने ईवीएम पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की आदत है कि हर चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ती है.

ऐसी है अपडेट मशीन

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा उप निर्वाचन में एम-2 मॉडल की ईवीएम के स्थान पर नवीनतम तकनीक से निर्मित एम-3 मॉडल की ईवीएम का उपयोग किया जाएगा. इस संबंध में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्य प्रदेश धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि एम-3 मशीनें एम-2 से बेहतर हैं. पहले एम-2 मशीनों के अंतर्गत कंट्रोल यूनिट के साथ 4 बैलेट यूनिट ही जोड़ सकते थे, लेकिन अब नई मशीनों में 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकेंगे. ये मशीनें नोटा सहित 384 अभ्यर्थियों तक के लिए सक्षम हैं.ये है मशीनों में अंतर

पहले उपयोग होने वाली एम-2 मशीनों में बैटरी का प्रतिशत दिखाई नहीं देता था, लेकिन एम-3 मशीनों में यह दिखाई देगा. जिसके आधार पर पीठासीन अधिकारी बैटरी बदल सकते हैं.

एम-3 मशीनों में कैन्डीडेट सेक्शन एवं बैटरी सेक्शन दोनों को अलग-अलग सील्ड किया जाता है. जिससे बैटरी लाइफ कम होने पर पीठासीन अधिकारी बैटरी सेक्शन को खोलकर उसे बदल सकते हैं. इन मशीनों का वजन कम होने के कारण इन्हें लाने-ले जाने में भी सुविधा होगी.





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