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- The Idea Came In Lockdown Bharat Darshan Should Be Done In One Place, It Was Done In Six Months
उज्जैन6 घंटे पहले
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चामुंडा माता मंदिर परिसर में लगे देशभर के तीर्थ स्थलों के इलेक्ट्रॉनिक चित्र।
- चामुंडा माता मंदिर में 51 शक्तिपीठ, 12 ज्योतिर्लिंग, 4 धाम और देश के अन्य प्रमुख तीर्थों के डिजिटल चित्रों से दर्शन
छोटा सा विचार कई बार बड़ा स्वरूप ले लेता है और उसके फायदे का दायरा भी काफी बड़ा होता है। बस इसे साकार करने वालों को कुछ ज्यादा मेहनत करनी होती है। ऐसा ही वाकया चामुंडा माता के भक्तों के साथ हुआ है। उन्होंने सोचा, फिर लगातार प्रयास किए और कर दिखाया। उनकी इस मेहनत का फायदा अब शहर के सभी नागरिकों को एक ही जगह पूरे देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन के रूप में मिलेगा। इसकी शुरुआत शीघ्र होगी। देवासगेट क्षेत्र के प्रमुख चौराहे पर स्थित प्राचीन चामुंडा माता मंदिर शहर की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां हर आने-जाने वाले लोग रुक कर माता का आशीर्वाद लेते हैं। यह मंदिर जितना जागृत है, देवी के भक्तों का मंडल भी उतना ही सजग और सक्रिय भी है। कोरोना के लॉकडाउन के दौरान मंडल ने भोजन सेवा की शुरुआत की। रोज सुबह और शाम को लोगों को बैठाकर भोजन कराया। लॉकडाउन बढ़ा तो शहर के उन लोगों की सुध ली जो श्रमिक वर्ग के थे और उनके सामने गंभीर संकट खड़ा था। ऐसे दो हजार से ज्यादा परिवारों को राशन उपलब्ध कराया।
बड़ी मात्रा में मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण किया। अनलॉक होने के बाद भी मंदिर से भोजन वितरण बंद नहीं हुआ है। रोज दोनों समय भोजन वितरण का सिलसिला जारी है। मंदिर के पुजारी सुनील चौबे बताते हैं कि यह प्राचीन मंदिर जनआस्था का केंद्र है। शहर के मध्य रेलवे और बस स्टैंड तथा जिला अस्पताल के करीब होने से यहां दिनभर देवी दर्शन का सिलसिला चलता है।
3100 रुपए में 200 लोगों को भोजन
भक्त मंडल द्वारा अन्नक्षेत्र का संचालन भी किया जा रहा है। इसमें दानदाताओं के माध्यम से भोजन वितरण की व्यवस्था है। कोई भी नागरिक अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, पुण्यतिथि या अन्य किसी अवसर पर मंदिर में 3100 रुपए का दान देकर 200 लोगों को भोजन करा सकता है।
भक्तों को सुविधा के लिए पहली बार नया प्रयोग किया
भक्त मंडल के राजेंद्र शाह बताते हैं लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवागमन बंद हो गया। इसी दौरान यह विचार आया कि मंदिर परिसर में यदि देशभर के प्रमुख धर्मस्थलों और तीर्थों के दर्शन की व्यवस्था हो तो पूरे भारत के दर्शन यहां हो सकते हैं। बस इस विचार को धरातल पर लाने में मंडल जुट गया। पुजारी परिवार के शरद चौबे, निखिल चौबे, भक्त मंडल के सदस्य सभी देशभर से जानकारी जुटने में लग गए।
51 शक्तिपीठ के फोटो, उनकी कथा, देवी का कौन सा अंग वहां गिरा था, यह जब जुटाने के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों की जानकारी फोटो, चारधाम यात्रा की जानकारी, अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों, मंदिरों आदि की जानकारी जुटाई गई। उनके डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक फोटो तैयार कराए गए। फोटो उज्जैन के ही फोटोग्राफर सोनी ने तैयार किए।
फोटो के साथ उनके बारे में संक्षिप्त सारगर्भित जानकारी भी तैयार की। इन सब को मंदिर परिसर में प्रदर्शनी स्वरूप में लगाया गया है। हमारी जानकारी के अनुसार अभी तक कहीं भी इस तरह का प्रयास नहीं हुआ है। यह पहला मंदिर होगा। यह जानकारी प्रमाणिक हो इसका खास ध्यान रखा गया है। जल्दी ही इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा।