Are negative but life is tied in fear of Karena because the administration is not giving proof of negative | निगेटिव हैं लेकिन काेराेना के डर में बंधी जिंदगी क्याेंकि निगेटिव का सबूत ही नहीं दे रहा प्रशासन,

Are negative but life is tied in fear of Karena because the administration is not giving proof of negative | निगेटिव हैं लेकिन काेराेना के डर में बंधी जिंदगी क्याेंकि निगेटिव का सबूत ही नहीं दे रहा प्रशासन,


होशंगाबाद20 घंटे पहले

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  • काेराेना पाॅजिटिव लाेगाें काे ताे काॅल, मैसेेज कर बता रहे रिपाेर्ट, निगेटिव वालाें की सुध नहीं

डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सैंपलिंग कक्ष में काेविड टेस्ट करवाने के बाद लाेगाें काे रिपोर्ट के लिए पांच-सात दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। पाॅजिटिव रिपाेर्ट वालाें काे ताे एक-दाे दिन बाद काॅल पर माैखिक सूचना दी जा रही है लेकिन जिनकी रिपाेर्ट निगेटिव है उन्हें न काॅल किया जाता है न मैसेज।

ऐसे में काेराेना संक्रमण के डर का मानसिक तनाव परेशानी बना है। निगेटिव रिपाेर्ट वाले लाेग घर से बाहर निकलने में भी संकाेच करते हैं। आस-पड़ाेस के लाेग उन्हें संक्रमिताें की नजर से देखते हैं। प्रशासन की यह लापरवाही काेराेना निगेटिव लाेगाें के जी का जंजाल बना है। इधर, इटारसी काेराेना नाेडल अधिकारी तहसीलदार तृप्ति पटेरिया ने कहा – देरी से सही पर रिपाेर्ट आएगी जरूर। दरअसल, रिपाेर्ट की जानकारी का मैसेज सीधे भाेपाल से पेशेंट के दर्ज किए गए माेबाइल नंबर पर आता है। इसमें देरी हाे रही है।

नहीं पहुंच रही मेडिकल टीम
काेराेना संक्रमिताें की सेहत के बारे में कुछ परिवाराें से बात की ताे पता चला कि उनकाे दवाइयां ताे मिल गईं। काॅल सेंटर से एक-दाे बार फाेन भी आए। लेकिन काेई मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य ही सुध लेने नहीं आई।

माेबाइल पर राेज देख रहे, मैसेज ही नहीं आया

  1. 51 साल के गाेपाल कुमार ने सरकारी अस्पताल में 25 सितंबर काे काेराेना जांच करवाई थी। 5 दिन की दवाइयां मिल गईं। उनका नाम पाॅजिटिव की सूची में नहीं आया। किंतु निगेटिव की सूचना नहीं मिली। वे शांति समिति की बैठक में आए। अधिकारियाें के सामने यह खुलासा किया कि उन्हें फिलहाल काेई लक्षण नहीं हैं परंतु उन्हाेंने काेविड टेस्ट के लिए सैंपल दिया है।
  2. लाइन एरिया में 45 वर्षीय गृहिणी दाे हफ्ते से खांसी बंद नहीं हाेने पर 25 सितंबर काे सरकारी अस्पताल गईं। ऑक्सीजन 99 व ट्रेंपेचर 96.6 था। काेविड के लिए सैंपल दिया। र्सैंपलिंग कक्ष में बताया गया कि माेबाइल पर रिपाेर्ट का मैसेज आ जाएगा। पांच दिन हाे गए उनकी जांच रिपाेर्ट 29 सितंबर शाम तक नहीं आई। न ही अस्पताल से माैखिक ताैर पर काेई जानकारी दी।

पलंग खाली नहीं, हाेम आइसाेलेट हैं संक्रमित
इधर, इस समय अस्पताल में बैड खाली नहीं होने से काेविड संक्रमित मरीज हाेम आइसाेलेट हैं। कुछ मरीज काेविड के गंभीर लक्षण नहीं हाेने पर एडमिट नहीं किए गए। इनकाे घर में रहने की अनुमति मिल गई। इनमें से कुछ लाेग अस्पताल जाना ही नहीं चाहते थे, लेकिन घर में रहना उनके लिए कम पीड़ादायक नहीं है।

छावनी औषधालय में लाेगाें के लिए काेराेना सैंपल

पचमढ़ी| छावनी सीईओ अखिल बिहारी दास के निर्देशन में छावनी औषधालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया की टीम ने 19 लाेगाें के जांच के लिए काेराेना सैंपल लिए। आरएमओ डाॅ. तरुण दबे ने बताया कि कुल 62 सैंपल लिए गए हैं, इसमें 50 आरटीपीसीआर और 12 रेपिड टेस्ट सैंपल लिए हैं।

हाेम आइसाेलेशन में रहे, सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा

1 लाइन एरिया में एक परिवार के 9 सदस्य काेराेना पाॅजिटिव हाे गए। 3 सदस्य भाेपाल में एडमिट हुए। बुखार आने पर बाकी 6 सदस्याें ने अस्पताल के बजाय घर में ही रहना उचित समझा। 19 सितंबर से वे अपने घर में हैं। बजाजी लाइन में उनकी कपड़ा दुकान भी बंद रखी। इसकी सूचना प्रशासन काे है। परिवार सदस्य संजय कुमार ने बताया कि घर की एक-एक मंजिल पर दाे-दाे सदस्य आइसाेलेट रहे। इसी बीच एक-दाे बार उनके पास काॅल आए। अब उन्हें लग रहा है कि वे ठीक हैं। लेकिन इसका प्रमाण नहीं है। काेराेना की रिपाेर्ट अस्पताल से नहीं मिली। यही कहा गया कि आइसाेलेशन अवधि पूरी हाेने के बाद 7 दिन क्वाॅरेंटाइन रहना हाेगा।

2 न्यास काॅलाेनी में वीरेंद्र कुमार ने 16 सितंबर काे इटारसी अस्पताल में काेराेना की जांच करवाई, 19 काे काॅल आया कि आप पाॅजिटिव हाे। काेई लिखित रिपाेर्ट नहीं दी। चार दिन तक काेई नहीं आया। फिर कुछ लाेग बैरीकेड्स रख गए। पांचवें दिन एक कार्यकर्ता ने आकर दवाइयां दीं। दाे बच्चाें के साथ पेशेंट ताे घर में रहे। पत्नी काे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया। 11 वें दिन कंट्राेल रूम फाेन लगाया ताे कहा गया कि अगर आपकाे लगता है ताे दाेबारा टेस्ट करवाइए। अच्छा लग रहा हाे ताे अपने काम पर जा सकते हैं। इनके पास न ताे काेराेना की पाॅजिटिव रिपाेर्ट है न ही निगेटिव का प्रमाण।



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