उज्जैन12 मिनट पहले
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- पांच लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में हमारा दूसरा नंबर, इंदौर पहला
स्वच्छता की रैंकिंग के बाद गंदगी भारत छोड़ो अभियान में भी शहर पिछड़ गया है। वजह हमारी रोजाना की सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। इसमें सबसे 100 में से 78 अंक ही मिले हैं। प्रदेश सरकार ने पहली बार इसकी रैंकिंग करवाई है। जिसमें पांच लाख से ज्यादा आबादी में उज्जैन दूसरे नंबर पर आया।
इंदौर पहले पर है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वे 2020 में शहर की रैंकिंग 22वीं आई थी। उसके बाद दावा किया था कि जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। निगम ने इस पर अमल नहीं किया। नतीजा दूसरे नंबर पर संतुष्ट होना पड़ा। नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्रसिंह ने रैंकिंग जारी की।
15 से 31 अगस्त तक अभियान : गंदगी भारत छोड़ो अभियान 15 से 31 अगस्त तक चलाया था। नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने स्वच्छता की रैंकिंग करवाई थी। 500 में से उज्जैन को 477 अंक मिले हैं।
इन कामों से दूसरा नंबर
गंदगी भारत छोड़ो अभियान में स्वच्छता के प्रति जागरूकता करने के लिए निगम ने रहवासियों को सफाई रखने, गीला-सूखा अलग-अलग देने, घरेलू हानिकारक कचरे की जागरूकता, प्लास्टिक का उपयोग न करने, शौचालयों का सुचारु रूप से उपयोग करने आदि के बारे में जागरूक किया।
अगली बार अव्वल आएंगे
गंदगी भारत छोड़ो अभियान की रैंकिंग में शहर दूसरे नंबर पर आया है। राेजाना सफाई में कहां कमी है, मंथन किया जा रहा है। अगली बार अव्वल आने का प्रयास करेंगे।
क्षितिज सिंघल, आयुक्त नगर निगम
सफाई में पिछड़ने के तीन कारण
- खुले में फेंक रहे कचरा : डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन समय पर नहीं पहुंच रहे। लोग खुले में कचरा फेंक रहे।
- डस्टबिन हटाई पर ठिए कायम : जहां से डस्टबिन हटाई थी, वहां फिर कचरा एकत्र होने लगा है। मॉनिटरिंग का अभाव।
- कंपोस्टिंग यूनिट बंद : बगीचों में लगाए कंपाेस्टिंग यूनिट बंद हो गए हैं। इससे कचरे को खाद में तब्दील नहीं किया जा रहा है।