इमरती देवी का मुकाबला अपने समधी सुरेश राजे से होगा
ग्वालियर पूर्व (Gwalior east) और डबरा (Dabra) विधानसभा का दिलचस्प मुकाबला न सिर्फ चार प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला करेगा, बल्कि आगे की राजनीति की दशा और दिशा भी तय होगी
जोड़ी वही लेकिन दल बदले
ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव की जंग दिलचस्प हो गई है. इस सीट पर 2018 के विधानसभा में चुनाव लड़ने वाले चेहरे फिर से आमने सामने हैं. हालांकि दोनों ने पार्टियां बदल ली हैं. ग्वालियर पूर्व सीट पर 2018 में कांग्रेस के मुन्ना लाल गोयल ने BJP के सतीश सिकरवार को 17 हज़ार वोट से शिकस्त दी थी. उप चुनाव में भी इन दोनों के बीच मुकाबला है लेकिन इस बार दोनों ने अपने-अपने दल बदल लिए हैं. मुन्ना लाल सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए और BJP ने उन्हें टिकट भी दे दिया.

मुन्ना गोयल, बीजेपी
ठीक इसी तरह पिछली बार इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे सतीश सिकरवार अब कांग्रेस में चले गए हैं और कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतार दिया. सतीश का दावा है कि उन्होंने पार्टी बदली है, जबकि मुन्ना लाल ने विधायकी का सौदा किया है. उधर मुन्ना लाल का कहना है उन्होंने जनता की भलाई के लिए विधायक पड़ छोड़ दिया है, जनता उनके साथ है.

सतीश सिकरवार,कांग्रेस
इमरती दूसरी बार समधी से भिड़ेंगी
डबरा विधानसभा सीट पर भी कमोबेश यही हाल है.पिछले चुनाव में कांग्रेस से जीती इमरती देवी अब बीजेपी उम्मीदवार हैं.और कांग्रेस ने बीजेपी से आए सुरेश राजे को टिकट दिया है. इमरती और सुरेश राजे रिश्ते में समधी-समधन हैं. दोनों के बीच 2013 के विधानसभा चुनाव में भी मुकाबला हो चुका है. तब इमरती कांग्रेस उम्मीदवार थीं.उनके समधी सुरेश तब BJP के प्रत्याशी थे. इस चुनाव में इमरती ने सुरेश को 32 हज़ार वोट से हराया था. इस सीट पर जीत का दावा कर रही इमरती देवी का कहना है उन्होंने जनता के हित के लिए दल बदला है, लेकिन कांग्रेस के पास तो प्रत्याशी ही नहीं बचे हैं. वो BSP और BJP के लोगों बुलाकर चुनाव लड़ा रही है. उधर कांग्रेस उम्मीद्वार सुरेश राजे का कहना है राजनीति में कोई रिश्तेदारी नहीं होती.उनका मुकाबला समधन से नही BJP प्रत्याशी इमरती देवी से है. सुरेश राजे का दावा है कि जिन लोगों ने जनमत बेचा है, ऐसे लोगों को जनता इस बार सबक सिखाएगी.