शिवपुुरी18 मिनट पहले
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जिला अस्पताल शिवपुरी के कोविड वार्ड के आईसीयू में आग लग गई, जिससे वहां पर भर्ती की एक मरीज की मौत हो गई।
- जिला अस्पताल के आईसीयू में जिस समय आग लगी, उस समय वहां पर 7 मरीज भर्ती थे, जिसमें 6 पॉजिटिव थे
- 65 साल के मरीज को गंभीर हालत के चलते गुना से शिवपुरी रेफर किया था, मौत होने पर बेटे ने अस्पताल पर लगाए आरोप
- जिला अस्पताला शिवपुरी के आईसीयू के शासन ने दस मशीनें जुलाई में भेजी थीं, जांच के लिए भोपाल से इंजीनियर को बुलवा रहे
शिवपुरी जिला अस्पताल के कोविड वार्ड के आईसीयू में बुधवार को दोपहर वेंटीलेटर की हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन में तेज धमाके के साथ आग लग गई। आग लगने से अफरा तफरी मच गई। वेंटीलेटर पर भर्ती गुना के 65 साल के गंभीर मरीज मोहम्मद इस्लाम को बेटा उठाकर बाहर लाए और इस बीच 10 मिनिट तक ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से मरीज की जान चली गई। खास बात यह है कि कोविड-19 में गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए भोपाल से 10 हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीनें भेजी थीं, जिसमें से एक मशीन में आग लग गई।

जिस मरीज की मौत हुई, उसके बेड के ऑक्सीजन देने वाली मशीन भी आग से झुलस गई है।
दस बिस्तर के आईसीयू के सबसे आखिरी वेंटीलेटर पर गुना के मरीज मोहम्मद इस्लाम भर्ती थे। उन्हीं के वेंटीलेटर की की हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन मं दोपहर करीब 1.45 बजे तेज धमाके के साथ आग लग गई। बेड की रैग्जीन ने तुरंत आग पकड़ ली। आग लगने से अचानक आईसीयू वार्ड में धुंआ फैल जाने से अफरा तफरी मच गई। आईसीयू के वेंटीलेटर पर भर्ती मरीजों को तुरंत बाहर निकाला गया। लेकिन जिस वेंटीलेटर पर आग लगी थी, उस पर भर्ती गंभीर मरीज मोहम्मद इस्लाम को घटनाक्रम के दौरान दस मिनिट तक ऑक्सीजन नहीं मिल पाई, जिससे उनकी जान चली गई।
हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन में आग किस कारण से लगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि शॉर्ट सर्किट से आग लगने का अनुमान जरूर लगा रहे हैं। वहीं घटना के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और सहायक कलेक्टर काजल जावला भी मौके का जायजा लेने पहुंचे।

अस्पताल में आग लगने से चारो तरफ धुआं ही धुआं छा गया।
मरीज को सांस लेने में तकलीफ के चलते भर्ती कराया गया था
मृतक की कोरोना निगेटिव थी, परंतु गंभीर लक्षणों के कारण उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था। बताया जाता है कि मोहम्मद असलम को सांस लेने में तकलीफ थी। उन्हें गुना से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। यहां पर उन्हें जिला अस्पताल के आइसीयू में कोरोना मरीजों के साथ ही रखा गया था। वार्ड के जिस वेंटिलेटर में आग लगी, उसमें मरीज को हाई फ्लो ऑक्सीजन दी जा रही थी। घटना के समय वार्ड में 7 मरीज थे, जिसमें 6 कोरोना संक्रमित थे। 60 मीटर की दर से ऑक्सीजन देने के बाद भी उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन 70 से अधिक नहीं हो रहा था। उसे डायबिटीज और हाइपर टेंशन की शिकायत भी थी।
शिवपुरी के सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने बताया कि घटना के समय हमारे रेजीडेंट, डॉक्टर और दो नर्स वहां मौजूद थीं। मृतक मोहम्मद असलम के अटेंडर खुद कई बार ऑक्सीजन का फ्लो ऊपर-नीचे करते थे। मौत भी शिफ्ट करने के दौरान नहीं हुई है। मरीज की मौत आइसोलेशन में शिफ्ट करने के 25 मिनट बाद हुई है।