Age 70, BP-sugar too, stayed on ventilator, but now completely fine | उम्र 70 पार, बीपी-शुगर भी, वेंटीलेटर पर रहे, लेकिन अब पूरी तरह ठीक

Age 70, BP-sugar too, stayed on ventilator, but now completely fine | उम्र 70 पार, बीपी-शुगर भी, वेंटीलेटर पर रहे, लेकिन अब पूरी तरह ठीक


ग्वालियर7 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कोरोना संक्रमण के चलते शहर में अब तक 183 लोगों की मौत हो चुकी है। अगस्त में जहां 59 संक्रमितों का निधन हुआ वहीं सितंबर में यह आंकड़ा 100 को भी पार कर गया। मृतकों में अधिकांश वे संक्रमित थे, जिनकी आयु 65 या उससे अधिक थी। कोरोना वायरस की चपेट में आने से पहले वे शुगर, बीपी जैसे रोगों से लंबे समय से ग्रसित थे। लेकिन इस अवधि में कई ऐसे मरीज भी रहे, जो बहुत ही खराब स्थिति में अस्पताल पहुंचे। सांस लेने में परेशानी के कारण पहले ऑक्सीजन सपोर्ट, फिर बाईपेप मशीन (नान इंवेसिव वेंटीलेटर) पर भी रहे। इन तमाम जटिलताओं के बाद भी इन मरीजों ने संक्रमण को परास्त किया और स्वस्थ होकर घर लौटे।

6 दिन वेंटीलेटर पर रहे, अब अपने हाथ से खा रहे खाना

एलएनआईपीई में कार्यरत 72 वर्षीय महेंद्र कौरव के फेफड़ों में इंफेक्शन था। सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया तो हाई फ्लो ऑक्सीजन देनी पड़ी। फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें 6 दिन नाॅन इंवेसिव वेंटीलेटर पर रखा गया। 22 दिन अस्पताल में रहने के बाद वे 25 सितंबर को घर लौटे। अब वे खुद खाना खा रहे हैं। पत्नी विद्यादेवी कौरव ने बताया, लगभग 10 साल से वे दमा के मरीज हैं। अस्पताल में जब भर्ती किया तो स्थिति खराब होती गई, लेकिन बाद में ऐसा चमत्कार हुआ कि अब स्थिति काफी बेहतर है। 30 नवंबर को नातिन की शादी है। मन में कई तरह की शंका थी, लेकिन प्रभु ने लाज रख ली।

इंजेक्शन लगे, प्लाज्मा चढ़ा तब स्वास्थ्य में हुआ सुधार

70 वर्षीय राकेश राजपूत को 2 सितंबर को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आईसोलेट किया गया। कुछ दिन बाद जब ऑक्सीजन लेवल (95) कम हुआ तो आनन-फानन में उन्हें सुपरस्पेशलिटी हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया। डायबिटीज से पीड़ित होने के कारण दवाइयों का उतना असर नहीं हो रहा था। फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण उन्हें भी सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी, जिस कारण वे नान इंवेसिव वेंटीलेटर पर रहे। हालांकि, इस दौरान डाॅक्टरों ने उन्हें इंजेक्शन (रेमेडेसिविर) भी लगाए और प्लाज्मा भी चढ़ाया। इसके बाद से उनके स्वास्थ्य़ में सुधार हुआ। अब वे घर पहुंच चुके हैं।



Source link