मध्य प्रदेश बीजेपी के विधायक गौरीशंक बिसेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले के बीजेपी नेता (BJP Leader) पूर्व सांसद व विधायक गौरीशंकर बिसेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विधायक बिसेन के आवेदन पर 18 मार्च 2018 को एसडीएम वारासिवनी ने उन्हें क्रीमी लेयर के अंतर्गत ओबीसी वर्ग का जाति प्रमाणपत्र जारी किया. इस प्रमाणपत्र के लिए बिसेन ने सक्षम अधिकारी को यह नहीं बताया कि वे पूर्व विधायक व सांसद रह चुके हैं.
आय प्रमाण पत्र मे बताई 80 हज़ार वार्षिक आय
अधिवक्ता शिवेंद्र पांडे ने दलील दी कि इस आवेदन में बिसेन ने अपनी वार्षिक आय महज 80 हजार रुपये बताई. बिना विवेक का उपयोग किए एसडीएम ने भी बिसेन की दी हुई जानकारी को सत्य मानकर उन्हें आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया. गलत तरीके से हासिल किए गए इस प्रमाणपत्र का उपयोग बिसेन ने लोकसभा चुनाव में भी किया. इतना ही नही प्रमाणपत्र का उपयोग बिसेन ने अपने स्वजनों के लिए भी किया. इसकी हर स्तर पर शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के पैनल लायर ऋत्विक पाराशर को निर्देश दिए कि वे महाधिवक्ता कार्यालय के अधिकारियों को मामले की जानकारी प्रदान करें. जिसके बाद राज्य शासन से निर्देश हासिल कर जवाब की प्रस्तुति सुनिश्चित की जाए.