श्योपुर19 घंटे पहले
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- बीएमओ का आरोप: अकाउंटेंट अस्पताल को बदनाम करने की रच रहे साजिश, अकाउंटेंट बोले- बीएमओ साहब को हुई गलत फहमी
कराहल सीएचसी केंद्र पर बुधवार की सुबह सैंपलिंग के दौरान अकाउंटेंट के द्वारा मोबाइल में फोटो लेने को लेकर विवाद हो गया। फोटो लेने से नाराज बीएमओ सहित अन्य स्टॉफ ने काम करना बंद कर दिया। इस दौरान करीब साढ़े पांच घंटे तक ओपीडी बंद रही। बीएमओ ने अकाउंटेंट से लेकर अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर धमकाने और सीएचसी केंद्र को बदनाम करने तक के आरोप लगाए और थाने में जाकर आवेदन दिया। वहीं अकाउंटेंट और डॉक्टर ने बीएमओ के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।बुधवार की सुबह कराहल सीएचसी पर पदस्थ डॉ. धर्मेंद्र खरे मरीजों का कोविड सैंपल ले रहे थे। इसके बाद जब वह एंट्री करने के लिए गए तो वहां मौजूद वार्ड ब्वॉय भी कोविड मरीजों के सैंपल करने
लगा। इसी दौरान वहां अस्पताल अकाउंटेंट भूपेंद्र सिंह सिकरवार पहुंच गए और वार्ड ब्वॉय को सैंपल लेता देख अपने मोबाइल में उसका फोटो ले लिया। इसे लेकर अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर बाद अस्पताल बीएमओ डॉ. राजेंद्र वर्मा और डॉ. धर्मेंद्र खरे सहित अन्य स्टॉफ ने काम करना बंद कर दिया। इससे दोपहर 2.30 बजे तक ओपीडी बंद रही।
बीएमओ ने लगाए आरोप
बीएमओ डॉ. राजेंद्र वर्मा ने भास्कर को बताया कि भूपेंद्र सिंह सिकरवार व अन्य डॉकटरों ने उनके शासकीय आवासों पर कब्जा कर लिया है। बरगंवा में पदस्थ डॉ. राघवेंद्र सिंह भदौरिया ने उन्हें अलॉट किए गए आवास पर कब्जा जमाया हुआ है। जबकि उनकी पोस्टिंग बरगंवा में है लेकिन वह अपने मूल शाखा में जाने के बजाए कराहल के अस्पताल में बैठ रहे हैं। अकाउंटेंट भूपेंद्र सिंह सिकरवार और डॉ. सौरभ सिंह कुशवाह पर भी उन्होंने शासकीय आवासों पर कब्जा करने को लेकर आरोप लगाया है।
धमकी जैसी कोई बात नहीं
^मुझे कराहल में रहकर काम करने को कहा और शासकीय आवास में रहने के लिए कहा। बरगंवा के अस्पताल का शासकीय आवास रहने के लायक ही नहीं है। मैंने उनको सिर्फ इतना कहा कि मुझे कोई और आवास दिलवा दें मैं इसे खाली कर दूंगा। धमकी देने वाली जैसी कोई बात नहीं है।
डॉ. राघवेंद्र सिंह भदौरिया, मेडीकल ऑफिसर, बरगंवा