Rain has stopped for a month, waterlogging in Basti and colonies still disturbed | बारिश थमे एक महीना गुजरा, बस्ती और कॉलोनियों में जलभराव से अब भी परेशान

Rain has stopped for a month, waterlogging in Basti and colonies still disturbed | बारिश थमे एक महीना गुजरा, बस्ती और कॉलोनियों में जलभराव से अब भी परेशान


दतिया12 घंटे पहले

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  • जल भराव से पनप रहे मच्छर, मकानों में आ रही सीलन से रहवासी चिंतित

शहर में एक महीने से झमाझम बारिश नहीं हुई। लेकिन कॉलोनियों और घनी आबादी क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति देखकर यही लगता है कि हाल में ही बारिश हुई है। एक महीने से बारिश का पानी बस्तियों में भरा है और अब यह वर्ष भर भरा रहेगा। इसका मुख्य कारण यह है कि आबादी क्षेत्रों में जल निकासी के प्रबंध नहीं हैं। न नाली बनी हैं न छोटी पुलियों का निर्माण किया गया है। लगातार बारिश और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा रहने से मकानों में सीलन आ रही है। गंदे पानी में मच्छर पनपने से बीमारियां फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। शहर की बुंदेला कॉलोनी, सिद्धार्थ कॉलोनी, हीरानगर, गंजी हनुमान मंदिर के पीछे, हमीर सिंह कॉलोनी, उनाव रोड एवं राम नगर कॉलोेनी में जगह-जगह जलभराव की

समस्या है। घरों से निकलने वाले गंदे पानी के निकास के लिए नगर पालिका ने नालियों का निर्माण नहीं कराया है। जिसकी वजह से कॉलोनियों में जलभराव की समस्याएं हैं। भूखंडों पर जमा घरों के पानी से मच्छर पनप रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहे हैं। बारिश थमे एक महीना हो चुका है। शहर में झमाझम बारिश अंतिम बार 29 अगस्त को हुई थी। 25 एमएम बारिश रिकार्ड की गई थी। सितंबर माह में भी छह बार बारिश हुई लेकिन बारिश 3 एमएम से ज्यादा नहीं हुई। पूर्व में हुई बारिश का पानी अभी भी कॉलोनियों में भरा है। मकानों के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। पानी के अंदर बड़ी-बड़ी घास खड़ी है, कई जम गई है पानी हरा हो गया है।

जलभराव के लिए कच्ची कॉलोनी काटने वाले भू माफिया भी जिम्मेदार

हीरानगर, रामनगर कॉलोनी, सिद्धार्थ कॉलोनी, बुंदेला कॉलोनी, गंजी हनुमान मंदिर के पीछे, उनाव रोड आदि जगहों पर बनी जल भराव की समस्या के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार भू-माफिया हैं। माफियाओं ने जमीनों पर प्लाॅट काटकर बेच दिए और लोगों ने खरीदकर आलीशान मकान भी बनाकर रहना शुरू कर दिया। लेकिन प्लॉट बेचने वालों ने पानी निकासी के लिए जगह नहीं बनाई। यही नहीं जिन्होंने प्लाॅट खरीदे और लाखों रुपए खर्च कर मकान बनाए उन्होंने भी यह नहीं देखा कि जिस जगह वे लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं वहां पानी निकासी का प्रबंध है भी या नहीं। इन कॉलोनियों में जल भराव की समस्या के लिए प्लॉट बेचने और खरीदने वाले, दोनों ही जिम्मेदार हैं। कॉलोनियां अवैध हैं इसलिए अब नगर पालिका भी इन कॉलोनियों में ज्यादा ध्यान नहीं देती है।



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