150 injections were donated, whom medical colleges were not giving list, institutions stopped supply, injections of four and a quarter lakh rupees, out of which 25 patients were given but no records | 150 इंजेक्शन दान आए, किसे लगाए मेडिकल कॉलेज नहीं दे रहा सूची, संस्थाओं ने रोकी सप्लाई, सवा चार लाख रुपए के इंजेक्शन, इसमें से 25 मरीजों को लगाए लेकिन रिकॉर्ड नहीं

150 injections were donated, whom medical colleges were not giving list, institutions stopped supply, injections of four and a quarter lakh rupees, out of which 25 patients were given but no records | 150 इंजेक्शन दान आए, किसे लगाए मेडिकल कॉलेज नहीं दे रहा सूची, संस्थाओं ने रोकी सप्लाई, सवा चार लाख रुपए के इंजेक्शन, इसमें से 25 मरीजों को लगाए लेकिन रिकॉर्ड नहीं


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Sagar
  • 150 Injections Were Donated, Whom Medical Colleges Were Not Giving List, Institutions Stopped Supply, Injections Of Four And A Quarter Lakh Rupees, Out Of Which 25 Patients Were Given But No Records

सागर21 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

पूर्व संभाग आयुक्त की पहल पर शहर की 5 संस्थाओं ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए करीब डेढ़ सौ रेमडेसिविर इंजेक्शन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को 1 माह पहले दान किए थे। प्रबंधन ने यह इंजेक्शन 25 मरीजों को लगाए हैं। लेकिन किन्हें लगाए गए यह जानकारी अब तक संस्थाओं से साझा नहीं की है। इंजेक्शन की उपयोगिता को लेकर सवाल उठने पर संस्थाओं ने आगे मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

इससे जरूरतमंद कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए शहर में शुरू हुआ बड़ा मिशन बीच में ही रुक गया है। इसका सीधा असर जरूरतमंद मरीजों के इलाज पर पड़ेगा। जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से बढ़ रही मौतों को देखते हुए पिछले दिनों पूर्व कमिश्नर ने शहर की समाजसेवी संस्थाओं से जरूरतमंद मरीजों के इलाज में मदद के लिए आगे आने की अपील की थी। इसके बाद शहर की लाखा बंजारा जनभागीदारी समिति के तत्वावधान में पांच सहयोगी संस्थाओं जीवनदान फाउंडेशन, विश्व हिंदू परिषद, रोटरी क्लब तथा श्री सीताराम रसोई ने मेडिकल कॉलेज को करीब 3.15 लाख रुपए की लागत से डेढ़ सौ रेडमसीवर इंजेक्शन खरीद कर दान किए थे।

इसके बाद संस्थाओं ने प्रबंधन से मौखिक रूप से इंजेक्शनों की उपयोगिता के बारे में जानकारी मांगी थी। लेकिन अब तक मेडिकल कॉलेज ने कोई जानकारी नहीं दी है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में इंजेक्शन उपलब्धता के संबंध में भी संस्थाओं को जानकारी नहीं दी है। इंजेक्शन के प्रबंधन में अव्यवस्थाओं और मेडिकल कॉलेज की उदासीनता के कारण संस्थाओं ने मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन उपलब्ध कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

संस्थाओं का कहना है कि यदि इन इंजेक्शन से लोगों की जान बची है तो मेडिकल कालेज को और मांग करनी चाहिए थी। लेकिन खपत और मांग के संबंध में प्रबंधन ने संस्थाओं से संपर्क ही नहीं किया है। लिहाजा इस मिशन से जुड़ने वाली अन्य संस्थाएं भी आगे नहीं आई। इसके अलावा जिन संस्थाओं ने इंजेक्शन दान किए थे। वे भी अब मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन देने के पक्ष में नहीं है।

अति गंभीर इन्फेक्शन होने पर लगाते हैं यह इंजेक्शन

जिला अस्पताल के टीवी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गोस्वामी के अनुसार मरीज के फेफड़ों में अति गंभीर इन्फेक्शन होने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जाता है। क्योंकि यह एंटीवायरल दवा है। इसलिए तेजी से फेफड़ों में आई खराबी पर असर करती है। फेफड़ों को खराब होने से रोकती है। इसके असर से इनकी खराबी में सुधार आने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।

बाजार में नहीं उपलब्ध, कीमत 2800 रुपए
रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता फिलहाल बाजार में नहीं है। महानगरों से इस इंजेक्शन को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी बाजार में कीमत करीब 2800 रुपए है।

मौखिक जानकारी मांगी थी लेकिन ज्यादा प्रयास नहीं किए

पूर्व कमिश्नर ने जब मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन दिलवाए थे। तब यह बात रखी थी कि मेडिकल कॉलेज इंजेक्शनों की उपयोगिता के संबंध में संस्थाओं को जानकारी देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने मौखिक जानकारी मांगी थी लेकिन इसके लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए मेडिकल कॉलेज ने भी जानकारी नहीं दी। विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कॉलेज को इंजेक्शन की लिस्ट मरीजों के नाम सहित प्रकाशित करा देनी थी।
-प्रकाश चौबे, अध्यक्ष श्री सीताराम रसोई

बुलाया था, हम नहीं गए

इंजेक्शन किसको लगाए इस बारे में जानकारी देने के लिए प्रबंधन बीएमसी बुला रहा था। अभी हम लोग ही नहीं गए।
– राजेश पंडित, जीवनदान फाउंडेशन

जानकारी उपलब्ध करा देंगे

हमसे किसी भी संस्था ने जानकारी नहीं मांगी है, हमें जानकारी देने में कोई परेशानी नहीं है यदि कोई संस्था जानकारी मांगती है तो हम उन्हें उपलब्ध करा देंगे।
-डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी

पत्रकार, 1 और 6 साल की बालिका सहित 35 पॉजिटिव

जिले में 35 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। इनमें सिविल लाइन स्थित अखबार के पत्रकार सहित मकरोनिया निवासी 1 और 6 साल की बालिका भी शामिल है। इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2624 पर पहुंच गया है। संक्रमितों में 13 युवा वर्ग के मरीज हैं। इसके अलावा इन मरीजों में 23 लोग सागर शहरी क्षेत्र के हैं। अधिकांश को होम आइसोलेट किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार 42 वर्षीय पत्रकार की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बीते कुछ दिनों से वे सर्दी-बुखार से पीड़ित थे। शनिवार को उन्होंने एंटीजन टेस्ट से सैंपल की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पत्रकार ऑफिस में ही काम कर रहे थे और इस दौरान स्टाफ के संपर्क में भी रहे हैं। आफिस स्टाफ के भी सैंपल लिए जाएंगे। गौर नगर मकरोनिया निवासी 1 वर्षीय बालिका तथा सद्भावना नगर मकरोनिया निवासी 6 वर्षीय बालिका को संक्रमित बताया गया है। इसके अलावा ऑफिसर कॉलोनी निवासी 21 वर्षीय महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।

मालथौन टोल प्लाजा मैनेजर सहित 2 मरीजों की मौत
मालथौन में कोरोना पॉजिटिव टोल प्लाजा के मैनेजर तथा आईसीयू में भर्ती मरीज सहित दो लोगों की शनिवार को मौत हो गई। टोल प्लाजा मैनेजर ने कहीं इलाज नहीं कराया था। इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा 107 पर पहुंच गया है। गौरझामर निवासी 83 वर्षीय व्यक्ति को गंभीर हालत में 19 सितंबर को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मरीज के लक्षणों के आधार पर स्वाब का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।इधर मालथौन में आंध्र प्रदेश निवासी 40 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव टोल प्लाजा मैनेजर ने देर रात घर पर दम तोड़ दिया।



Source link