मुरैना12 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- शरीर एडजस्ट नहीं कर पा रहा तापमान, सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीज बढ़े
सितंबर का महीना गुजर गया, अक्टूबर में भी गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही। दिन में अधिकतम पारा 38 डिग्री पर टिका हुआ है, जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक है। दिन में तेज धूप व गर्मी शाम को मौसम में ठंडक, लोगों को परेशान कर रही है।
दिन व रात के पारे में 16 डिग्री के अंतर को शरीर एडजस्ट नहीं कर पा रहा है। इसकी वजह से सर्दी-जुकाम, खांसी के मरीजों की संख्या जिला अस्पताल में तेजी से बढ़ी है। शनिवार को अधिकतम पारा 38 डिग्री व न्यूनतम पारा 22 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार इस बार कम बारिश की वजह से सितंबर महीने में पारा इतना अधिक है। हर साल अमूमन पारा 32 से 34 डिग्री के बीच रहता था। इसका सीधा असर क्लाइमेट चेंज पर पड़ रहा है।
3 अक्टूबर को अधिकतम पारा 38 डिग्री व न्यूनतम पारा 22 डिग्री दर्ज किया गया। दोपहर 2 बजे पारा 38 डिग्री था लेकिन 5 घंटे बाद ही यानि शाम 7 बजे पारा लुढ़ककर 28 डिग्री पर आ गया। 5 घंटे में ही 10 डिग्री पारा लुढ़कने से शाम को न सिर्फ गर्मी से राहत मिली बल्कि शाम के वक्त हल्की सर्दी महसूस होने लगी।
धान में पड़ेगी पानी की जरूरत, आलू-सरसों के लिए पारा अधिक
कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरवेंद्र सिंह ने बताया कि दिन में पड़ रही तेज गर्मी रात को ठंडक का सबसे अधिक असर धान की फसल पर पड़ेगा। चूंक दिन में तेज धूप से खेतों में भरा पानी तेजी से भाप बनकर उड़ रहा है, ऐसे में धान उत्पादक किसानों को खेतों में दोबारा पानी भरना पड़ेगा। वहीं आलू व सरसों की फसल के लिए भी अधिक पारा नुकसानदायक है।
स्वास्थ्य पर असर…शरीर एडजस्ट नहीं कर पा रहा सर्दी-गर्मी
डॉ. राघवेंद्र यादव ने बताया कि दिन में तेज धूप व पारा 38 डिग्री पर पहुंचने से दिन में तेज गर्मी होती है लेकिन चंद घंटों में ही पारा 30 से 28 डिग्री पर लुढ़ककर आ जाता है, जिससे थोड़ी ठंडक हो जाती है। ह्यूमन बॉडी इतनी जल्दी टेम्प्रेचर के बदलाव को एडजस्ट नहीं कर पाती, इसका असर सर्दी-खांसी, जुकाम के मरीजों के रूप में दिखाई दे रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।