Kailash Vijayvargiya’s sarcasm at Kamal Nath’s claim to form the government; Said- If you do not sleep at this age, then dreams come and what is the evil in dreaming? | कमलनाथ के सरकार बनाने के दावे पर कैलाश विजयवर्गीय का कटाक्ष; बोले- इस उम्र में नींद नहीं आती है तो सपने आते हैं और सपने देखने में बुराई क्या है?

Kailash Vijayvargiya’s sarcasm at Kamal Nath’s claim to form the government; Said- If you do not sleep at this age, then dreams come and what is the evil in dreaming? | कमलनाथ के सरकार बनाने के दावे पर कैलाश विजयवर्गीय का कटाक्ष; बोले- इस उम्र में नींद नहीं आती है तो सपने आते हैं और सपने देखने में बुराई क्या है?


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इंदौर11 मिनट पहले

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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ को नींद न आने की समस्या बता दी।

  • इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान
  • कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जोशी को पार्टी हित में शक्ति प्रदर्शन के लिए कहा गया था

मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों को सरगर्मी बढ़ गई है। इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ को नींद न आने की समस्या बता दी। साथ ही कहा कि उन्हें सपने देखने दीजिए।

कैलाश विजयवर्गीय से जब पूछा गया कि कमलनाथ ने कहा है कि 35 दिन बाद प्रदेश में हमारी सरकार होगी। इस पर विजयवर्गीय ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इस उम्र में नींद नहीं आती है तो आदमी सपने देखता है, सपने देखने में बुराई नहीं है। इस उम्र में आकर नींद कम हो जाती है, फिर रात में सपने आते हैं। वही उनके साथ यही हो रहा है। भाजपा की कुछ सीटों को लेकर ऊहापोह वाली स्थिति पर विजयवर्गीय ने कहा कि आज चुनाव कार्यसमिति की बैठक है, उसमें सब ठीक हो जाएगा।

पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी के भोपाल में किए गए प्रदर्शन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जोशी को पार्टी हित में कहा गया था शक्ति प्रदर्शन के लिए जिसके बाद उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया है। हाथरस की घटना बेहद निंदनीय है, लेकिन अब वहां पर कार्रवाई हो रही है। योगी की प्रशासनिक क्षमता पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। लेकिन इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।

कृषि संशोधन बिल के पास होने के बाद एनडीए से अलग हुए अकाली दल को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कभी-कभी कार्यकर्ताओं और जनता के दबाव में निर्णय लेना पड़ते हैं लेकिन कृषि बिल को पढ़ा और समझा गया होता तो यह स्थिति नहीं बनती।

वह बिल को अच्छी तरीके से समझते और डंके की चोट पर समझाते तो पंजाब के अंदर आंदोलन नहीं होता। नेता कभी-कभी फॉलोवर्स के दबाव में आ जाता है। नेतृत्व को कई बार कड़वे घूंट पीकर स्टैंड लेना चाहिए। 84 में दंगे हुए थे और जब सारा देश सिख समाज के विरोध में था, भाजपा ने स्टैंड लिया था कि सिख समाज हमारा ही हिस्सा है। हमने कभी चिंता नहीं की, समय-समय पर स्टैंड लिया, भले ही इसमें नुकसान हुआ। भाजपा ने देश की चिंता की, मोदी जी कहते हैं कि कंट्री फर्स्ट, देश पहले और दल बाद में। लेकिन कुछ लोगों के लिए कुर्सी पहले होती है देश बाद में आता है। ऐसे लोगों को जनता ने संकुचित कर दिया गया।

वही बंगाल को लेकर बोले कि ममता बनर्जी को 100 सीट भी नहीं आनी है विधानसभा चुनाव में वह जनता के लिए नहीं अपनी पार्टी और कुर्सी को लेकर सोच रही हैं।



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