जबलपुर13 मिनट पहले
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पुरुषोत्तम मास के पावन अवसर पर ग्वारीघाट स्थित साकेतधाम में साप्ताहिक हरिहरात्मक यज्ञ एवं श्रीमद् भागवत दशम स्कन्ध वनभोज लीला पर प्रवचन में स्वामी गिरीशानन्द सरस्वती महाराज ने विस्तृत व्याख्या की। महाराज जी ने उद्बोधन में कहा कि भगवान श्री कृष्ण की सुमधुर लीलाएँ जीवन से जुड़े सभी दु:खों को दूर कर आत्मिक आनंद देने वाली हैं।
श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन किसी सबक से कम नहीं रहा है। उन्होंने अपने जीवन काल में सभी रिश्तों को बेहद ही सरलता और सहजता के साथ निभाया है। फिर चाहे वह पांडवों से दोस्ती हो या फिर गोपियों से प्यार या ग्वालवालों संग लीला। महाराज जी ने बताया कि यदि आप भगवान का चिंतन करते हैं तो भगवान आपकी चिंता करेंगे। जो अपने भक्त के लिए कुछ भी करने को तैयार हो वही भगवान हैं।
महाराज जी ने कहा कि प्रेम भी करें तो भगवान से और झगड़ा भी करो तो भगवान से। भवसागर से पार होने का आसान तरीका यही है। संत की कृपा से भगवंत की प्राप्ति निश्चित होती है। भगवान रामेश्वरम महादेव एवं महाराज जी का पूजन संगीता विनोद माहेश्वरी, कमलेश सत्यपाल बंसल, तुषार त्रिवेदी, मनीष दुबे, विवेक पाठक, केके दुबे, दिलीप चतुर्वेदी, एसके चौरसिया, रमेश नवेरिया आदि ने किया। पूजन पं. रोहित दुबे, पं. सौरभ दुबे, पं. दीपक शर्मा, पं. सुनील उपाध्याय, पं. अटलबिहारी मिश्रा ने संपन्न कराया।