महिलाओं के विरूद्ध सजा- उत्तर प्रदेश में 8059 मामले दोषसिद्ध
यूपी के अभियोजन विभाग द्वारा अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के लिए अभियान चला कर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. शासन द्वारा भी अभियोजन कार्य की निरन्तर सघन समीक्षा की जा रही है. उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध सजा के मामलों में उत्तर प्रदेश में 8059 मामले दोषसिद्ध कराए गए हैं, जबकि इसकी तुलना में राजस्थान में 5625 मामले, मध्य प्रदेश में 4191 मामले, आन्ध्र प्रदेश में 608 मामले और महाराष्ट्र में 1552 मामले दोषसिद्ध हुए हैं. इस प्रकार दोषसिद्धि के हिसाब से उत्तर प्रदेश पूरे देश में अग्रणी है.
इस साल सितंबर तक कुल 57 बलात्कार के मामलों में हुई सजाअवनीश अवस्थी ने बताया कि इस साल 2020 में जनवरी से सितम्बर तक की अवधि में प्रदेश में कुल 57 बलात्कार के मामलों में अभियुक्तों को 10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा हुई है. साथ ही इसी अवधि में प्रदेश में कुल 151 पॉक्सो एक्ट के मामलों में भी सजा कराई गई है. इस वर्ष सितम्बर तक कुल 1835 महिला अपराधों से सम्बन्धित वादों का निस्तारण हुआ, जिनमें से 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गईँ है.
महिला संबंधी वादों में महाराष्ट्र, राजस्थान से आगे है यूपी
क्राइम इन इंडिया 2019 के आकड़ों के अनुसार देश के न्यायालयों में महिला सम्बन्धी वादों के निस्तारण की दृष्टि से तुलनात्मक अध्ययन करने पर उत्तर प्रदेश में कुल 15116 मामलें निस्तारित हुए, जबकि कई अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र में 13215, राजस्थान में 13840, आन्ध्रप्रदेश में 11557 मामले निस्तारित हुए हैं.
बाल अपराधों में सबसे ज्यादा 4120 अपराधियों को सजा
एनसीआरबी के आकड़ों के अनुसार बाल अपराधों में वर्ष-2019 में पूरे देश में सर्वाधिक 4120 अपराधियों को प्रभावी अभियोजन के फलस्वरूप न्यायालय द्वारा सजा दी गई, जबकि यह संख्या मध्य प्रदेश में 3077, छत्तीसगढ़ में 1295, राजस्थान में 1270 थी. बाल अपराध के मामलों में मिजोरम, मणिपुर, उत्तराखण्ड राज्यों के बाद देश में सर्वाधिक दोषसिद्धि का दर उत्तर प्रदेश का है, जो 61.2 है. देश के सभी बड़े राज्यो की तुलना में उत्तर प्रदेश में बाल अपराध में दोषसिद्धि का दर सर्वाधिक है. बाल अपराध में पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 22219 अभियुक्त गिरफ्तार हुए, जबकि मध्य प्रदेश में 14317, महाराष्ट्र में 13606 और बिहार में 9113 अभियुक्त गिरफ्तार हुए.
बाल अपराधों में पीड़ित से परिचित सबसे ज्यादा दोषी
आंकड़ों के अनुसार बाल अपराधों में उत्तर प्रदेश में 2531 मामलों में अभियुक्त पीड़ित से परिचित था, 247 मामलों में अभियुक्त घर के सदस्य से, 1716 मामलों में अभियुक्त पारिवारिक दोस्त व पड़ोसी, 566 मामलों में दोस्त व ऑनलाइन फ्रेंड्स थे, 813 मामलों में अभियुक्त अज्ञात या पीड़ित से परिचित नहीं थे. इसी प्रकार 75.7 प्रतिशत मामलों में अभियुक्त किसी न किसी तरह से परिचित थे, जबकि परिचित अभियुक्तों का राष्ट्रीय औसत 94.1 है.