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- Due To Privatization, Consumers Will Get Expensive Electricity, The Future Of Employees Will Be Destroyed
जबलपुर3 मिनट पहले
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बिजली कंपनियों के निजीकरण की सुगबुगाहट से सभी कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए हैं और संयुक्त मोर्चा बनाकर आंदोलन की शुरूआत भी कर दी है। जिसके प्रथम चरण में बिजली कंपनी के मुख्यालय शक्ति भवन के समीप बैरियर गेट पर सभा आयोजित कर प्रदर्शन किया।इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त मोर्चा के दुर्गेश पाराशर, एसके भागवतकर, अशोक जैन, हरेंद्र श्रीवास्तव, एसके विश्वकर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं की बिजली महँगी होने के साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा एवं भविष्य में बिजली 8 से 10 रुपए की मिलेगी जिससे गरीबों को बिजली मिलना मुश्किल हो जाएगा।
एक ओर सरकारें निजीकरण की बातें कर रही हैं तो दूसरी ओर विद्युत कंपनियों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने नहीं दिया जा रहा है। गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए मोर्चा के अनीष सिंघई, मनोज गुप्ता, दिनेश दुबे, सतीश श्रीवास्तव सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार बिजली कंपनियों को बेचने की साजिश रच रही है जो किसी भी कीमत में होने नहीं दिया जाएगा। संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों ने निजीकरण के प्रस्ताव को तत्काल रद्द करने की माँग की है। सभा के उपरांत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की एचआर श्रीमती कविता बाटला, पीएमसी एचआर एमपी चिंचोलकर, अखिलेश अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान अभियंता संघ, पत्रोपाधि संघ, कर्मचारी संघ, कर्मचारी पंचायत, बाह्रय स्त्रोत कर्मचारी संघ, कर्मचारी यूनियन, अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ, संविदा कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कर्मचारी जनता यूनियन ने सौंपा ज्ञाापन- विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के विजय चौकसे, मोहन अग्रवाल, केएल चंदेल ने विरोध में कंपनी के एमडी को ज्ञापन सौंपा।