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- To Avoid Corona Infection, This Time Sanitized Emulsions Came On The Market, Companies Also Reduced The Prices Of Paints
सागर18 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- शहर में 100 छोटे-बड़े दुकानदार रोजाना करीब 50 लाख रुपए का कर रहे हैं व्यापार
कोरोना महामारी के बीच दीपावली के लिए घरों में रंग-रोगन और पुताई शुरू हो गई। कोरोना में सेनिटाइज करवाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए लोग रंगाई-पुताई करवाकर एक बार पूरे घर को सेनिटाइज करवाना चाह रहे हैं। जानकारों के अनुसार पेंट बनाने वाली ब्रांडेड और नान ब्रांडेड कंपनियों ने भी सेनिटाइजर को आधार बनाकर एक्रेलिक डिस्टेंपर, इमल्शन और एनामेल पेंट तैयार किए हैं। जिनकी कीमतें पिछले साल की दीपावली से भी कम हैं। ये अलग-अलग क्वालिटी में 700 से लेकर 10,000 रुपए (20 लीटर) में लाए गए हैं। कारोबारियों के अनुसार पेंट का बाजार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा। शहर में इस समय करीब 100 छोटे-बड़े दुकानदार रोजाना करीब 50 लाख रुपए का व्यापार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह कारोबार और बढ़ने की संभावना है।
मांग के अनुरूप बनवा सकते हैं पेंट के कलर
दुकानदारों के पास ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड कंपनियों द्वारा तैयार पेंट तो उपलब्ध हैं ही इसके साथ ही जो लोग उपलब्ध पेंट से इतर कलर की मांग करते हैं तो उसकी सुविधा भी पेंट कारोबारियों द्वारा दी जा रही है। दुकानदारों ने इसके लिए मिक्सिंग मशीन लगाई हैं। इससे डिस्टेंपर, इमल्शन और एनामेल के 1000 हजार तरह के कलर तैयार किए जा सकते हैं।
इस बार पेंट बनाने में नहीं कर रहे चीन के कैमिकल का इस्तेमाल
मकरोनिया स्थित अमर एजेंसी और पेंट विक्रेता पंकज नायक ने बताया कि देश में पेंट बनाने वाली फैक्टरियों में कैमिकल चीन से आता था लेकिन जब से चीन और भारत के संबंधों में खटास आई है तब से कैमिकल का आयात बंद कर दिया है। फलस्वरूप अब वियतनाम, तुर्की, चिली, जर्मनी से कैमिकल मंगा रहे हैं। जो कि 20% महंगा पड़ रहा है। चूंकि शुरू में डिमांड कम रही इसलिए कंपनियों ने पेंट की कीमतें नहीं बढ़ाईं। लेकिन अब मांग निकलने लगी है। सरकारी व निजी निर्माण के काम शुरू हो चुके हैं। घरों की पुताई शुरू होने से पेंट मार्केट रफ्तार पकड़ने लगा है। कंपनियों ने भी हाउस क्लीनिंग के नाम से सेनिटाइजर पेंट उत्पाद इस बार भेजे हैं।