हाथरस की घटना का MP उपचुनाव में होगा असर? दलित वोट पर बीजेपी और कांग्रेस की नज़र | bhopal – News in Hindi

हाथरस की घटना का MP उपचुनाव में होगा असर? दलित वोट पर बीजेपी और कांग्रेस की नज़र | bhopal – News in Hindi


ग्वालियर चंबल में जिन 16 सीटों पर उपचुनाव होना है वहां काफी दलित वोट बैंक है. (File Photo)(सांकेतिक तस्वीर)

उपचुनाव (By election) की 28 में से 9 एससी, दो एसटी की सीटें भी हैं. पिछली बार सभी सीटें कांग्रेस (Congress) के पाले में गई थीं. लेकिन इस बार बीजेपी इन सीटों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है.

भोपाल.यूपी के हाथरस की घटना क्या प्रदेश के उपचुनाव (By Election) में अपना असर डालेगी. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress)की नजर उन 11 सीटों पर है, जहां पर सबसे ज्यादा दलित वोट बैंक हैं. अब दलित वोट बैंक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में सियासत शुरू हो गई है.

बीजेपी हो या फिर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की नजर उपचुनाव की उन सीटों पर हैं जो दलित और आदिवासी क्षेत्र में आती हैं. दलित वोट बैंक साधने के लिए बीजेपी के लाल सिंह आर्य को जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है पार्टी जाति के आधार पर राजनीति नहीं करती है. सबका साथ सबका विकास पार्टी का नारा है और इसी नारे के तहत पार्टी जनता के बीच में जा रही है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि हाथरस की घटना के बाद कांग्रेस उपचुनाव के दौरान भी हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है.

बीजेपी पर दलित विरोधी आरोप
उपचुनाव की 28 में से 9 एससी, दो एसटी की सीटें भी हैं. पिछली बार सभी सीटें कांग्रेस के पाले में गई थीं. लेकिन इस बार बीजेपी इन सीटों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा कहना है यह सरकार दलित विरोधी सरकार है. दलितों पर होने वाली घटनाओं को लेकर सरकार चुप रहती है.हिंसा हम नहीं बल्कि बीजेपी कराती है. हमारी पार्टी पहले भी दलितों के साथ खड़ी थी और आज भी दलितों के साथ है. जनता इन्हें जरूर सबक सिखाएगी.

बसपा की निर्णायक भूमिका
प्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को नतीजे आएंगे. उपचुनाव में बसपा बड़ा क़िरदार निभा सकती है. इस बात को नज़रअंदाज़ भी नहीं किया जा सकता कि ग्वालियर-चंबल में दलित मतदाताओं को काफ़ी निर्णायक माना जाता है. यहां की दो सीटों पर बसपा 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में तीसरे नम्बर पर रही थी. ग्वालियर चंबल की 16 में से 7 सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने निर्णायक वोट हासिल किए थे.





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