Fire in food product factory at 2 pm | फूड प्रोडक्ट फैक्टरी में रात 2 बजे लगी आग, सामान जला, डेढ़ घंटे लेट पहुंची फायर बिग्रेड

Fire in food product factory at 2 pm | फूड प्रोडक्ट फैक्टरी में रात 2 बजे लगी आग, सामान जला, डेढ़ घंटे लेट पहुंची फायर बिग्रेड


टीकमगढ़3 घंटे पहले

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  • फैक्टरी के पीछे माचिस गोदाम की दीवार तोड़कर निकाला सामान, फैक्टरी में अाग लगने का कारण स्पष्ट नहीं

शहर से सटे सुधा सागर रोड स्थित मोहनपुरा गांव में बनी ओम फूड प्रोडक्ट फैक्टरी में मंगलवार रात 2 बजे अचानक आग लग गई। जब पहले कमरे ने आग की लपटें और धुआं बाहर निकलता तो कर्मचारियों के होश उड़ गए। आगजनी की जानकारी मालिक को दी, पुलिस और फायर बिग्रेड को सूचना देने के बाद भी डेढ़ घंटे की लेट लतीफी से अमला पहुंचा। जब तक आग बेकाबू हो चुकी थी। फैक्टरी में लगी आग में करीब 30 लाख से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है। इसके अलावा फैक्टरी की बिल्डिंग भी पूरी तरह डैमेज हो गई। अगर समय पर फायर बिग्रेड पहुंच जाती तो इतनी बढ़ी आगजनी की घटना नहीं होती। दरअसल सुधासागर रोड पर पड़ने वाले मोहनपुरा पंचायत में ओम फूड प्रोडक्ट फैक्टरी संचालित की जा रही थी। रोज की तरह काम चलकर रात में बंद हो गया था। काम के सिलसिले में फैक्टरी के मालिक रामगोपाल अग्रवाल अपने बेटे के साथ अहमदाबाद गए हुए थे। वहां से और मशीनों को मंगवाने के संबंध में गए थे।

इसी दौरान मंगलवार रात 2 बजे मुख्यद्वार पर बने कमरे में आग की लपटें उठने लगी और धुआं निकलने लगा। रात में फैक्टरी पर रुकने वाले दो कर्मचारियों ने धुआं देखा तो इसकी जानकारी तुरंत रामगोपाल के बेटे शैलेंद्र अग्रवाल को दी। शैलेंद्र भी आनन-फानन में रात में ही फैक्टरी पहुंच गए। जहां उन्होंने आग बुझाने की कोशिश की और घटना की जानकारी फायर बिग्रेड के साथ कोतवाली पुलिस को दी, लेकिन डेढ़ घंटे देरी से फायर बिग्रेड पहुंची तब तक फैक्टरी की पूरी बिल्डिंग आग की चपेट में आ गई।

सुबह 3:30 बजे से आग बुझाना शुरू किया गया। आग की लपटें तेज होने से धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था। जिस पर रात में ही जेसीबी मशीन को बुलाकर दीवारों को तुड़वाना पड़ा। इसके बाद पानी की बौछार से आग पर काबू पाया गया। दोपहर तक काम करने वाले कर्मचारी क्षतिग्रस्त माल को बाहर निकालते रहे।

फैक्टरी में रखा माल जला और बिल्डिंग हुई डैमेज

फूड फैक्टरी में बिस्किट, नमकीन, बच्चों के खाने के आइटम बनाकर मैनीफेक्चरिंग का काम किया जाता था। नवनिर्मित बिल्डिंग में बनी फैक्टरी में 8-10 मशीनें भी लगी हुई है। शैलेंद्र अग्रवाल ने बताया कि फैक्टरी में 30 लाख रुपए का सामान रखा था। जो आग की चपेट में आ गया। इसके साथ ही मशीनों को भी नुकसान पहुंचा है। आगजनी की घटना से बिल्डिंग भी पूरी तरह डैमेज हो गई है। वहीं फैक्टरी संचालकों का कहना है कि फैक्टरी में आग कैसे लगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। अगर समय पर फायर बिग्रेड पहुंच जाती तो इतना नुकसान नहीं होता।

सुबह होते ही मौके पर पहुंचा पुलिस-प्रशासनिक अमला
पहले एक ही फायर बिग्रेड पहुंची तो पानी की बौछार डालने पर आग नहीं बुझ रही थी। जिस पर नगर पंचायत कारी, बल्देवगढ़, बड़ागांव धसान सहित आसपास की पांच फायर बिग्रेड वाहन मौके पर पहुंचे। फिर एक के बाद एक पानी भरकर अाती गई और उठती लपटें पर लगातार पानी डालती रही। इसके बाद आग पर काबू पाया गया। सुबह एसडीओपी, कोतवाली टीआई सहित पुलिस अमला घटनास्थल पर पहुंचा।

अगर माचिस गोदाम पर पहुंचती आग तो हो सकता था ब्लास्ट
ओम फूड प्रोडक्ट फैक्टरी के पीछे माचिस गोदाम भी बना हुआ था। फैक्टरी में आग लगने के बाद उसकी लपटें पीछे बढ़ती जा रही थी। एक-एक करके सभी हॉल में आग लगती गई। फैक्टरी के पीछे बने आखरी हॉल में माचिस का गोदाम भी बना हुआ था। गनीमत रही कि आग की लपटें वहां तक नहीं पहुंची, धुआं ही धुआं हॉल में भरा हुआ। माचिस के बिडंल निकालने के लिए दीवार को तोड़ा गया। इसमें नसैनी लगाकर कर्मचारी एक-एक बिडंल को निकालने की कोशिश करते रहे।



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